Hanuman Jayanti 2023: साल में कितनी बार मनाया जाता है हनुमान जयंती पर्व? जानें क्या कहते हैं ग्रंथ व मान्यताएं

Hanuman Jayanti 2023: हिंदू धर्म में हनुमानजी की बल और बुद्धि का देवता बताया गया है। मान्यता के अनुसार, हनुमानजी अमर हैं। हनुमानजी के जन्म को लेकर कई मान्यताएं हैं। इसलिए साल में कई बार हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Mar 31, 2023 10:47 AM IST

उज्जैन. हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता कहा जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि ये अमर हैं। इनकी पूजा से हर तरह के संकट दूर हो जाते हैं, इसलिए इन्हें संकटमोचक भी कहते हैं। हनुमानजी के जन्म को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में कई मान्यताएं और परंपराएं, जिसके चलते हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Jayanti 2023) साल में कई बार मनाया जाता है। सबसे अधिक प्रचलित हनुमान जन्मोत्सव का पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है। आगे जानिए हनुमान जन्मोत्सव से जुड़ी खास बातें…

चैत्र मास में मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Jayanti 2023 Date)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को हुआ था। ये तिथि इस बार 6 अप्रैल, गुरुवार को है। ये तिथि राम नवमी के 7 दिन बाद आती है। ये चैत्र मास की अंतिम तिथि होती है। पूरे देश में हनुमान जन्मोत्सव को लेकर सबसे अधिक प्रचलित तिथि यही है। उत्तर और मध्य भारत में इसी तिथि पर हनुमानजी का जन्मदिवस बड़ी ही धूम-धाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

दीपावली के एक दिन पहले ही मनाते हैं ये पर्व (Hanuman Jayanti Kab Hai)
हनुमानजी के जन्म से जुड़ी एक और तिथि है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी। इस दिन नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। ये तिथि दीपावली से ठीक एक दिन पहले आती है। हालांकि बहुत कम लोग इस तिथि के बारे में जानते हैं, लेकिन कुछ ग्रंथों में इस तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाने के बारे में कहा गया है। दक्षिण भारत में इस दिन राजा बलि की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

तमिलनाडु में इस दिन मनाते हैं हनुमान जन्मोत्सव
तमिलनाडु में हनुमान जयंती का पर्व मार्गशीर्ष अमावस्या पर मूल नक्षत्र का संयोग हो तब मनाया जाता है और ऐसा न हो तो पौष मास की अमावस्या पर ये पर्व मनाने की परंपरा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ये पर्व 41 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान हनुमान मंदिरों की विशेष साज-सज्जा की जाती है और पूजा का आयोजन किया जाता है। इसे यहां हनुमान व्रतम के नाम से जाना जाता है।


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