कौन थे भीष्म पितामह के 2 ‘सौतेले भाई’? एक की युद्ध में दूसरे की टीबी से हुई मौत

mahabharat interesting facts: महाभारत में कईं ऐसे पात्र हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। ऐसे ही 2 पात्र हैं चित्रांगद और विचित्रवीर्य। ये दोनों भीष्म के सौतेले भाई थे। इनमें एक तो जवानी में ही मारा गया था।

 

mahabharat interesting facts: भीष्म पितामह महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक हैं, जो इसकी शुरूआत से अंत तक इसमें बने रहे। भीष्म पितामह के 2 सौतेले भाई भी थे, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। भीष्म ने इन दोनों को हस्तिनापुर का राजा बनाया। लेकिन किसी न किसी वजह से इन दोनों की मृत्यु हो गई। इनमें से एक की मृत्यु को बहुत कम उम्र में ही हो गई थी। आगे जानिए कौन-थे भीष्म के ये 2 सौतेले भाई और उनसे जुड़ी खास बातें…

कौन थे भीष्म के 2 सौतेले भाई?
महाभारत के अनुसार, हस्तिनापुर के राजा शांतनु का पहला विवाह देवनदी गंगा से हुआ था, जिससे उनके 8 पुत्र हुए। इनमें से 7 को गंगा ने नदी में प्रवाहित कर दिया। आठवे पुत्र देवव्रत हुए, यही आगे जाकर भीष्म कहलाए। युवा होने पर राजा शांतनु ने भीष्म को हस्तिनापुर का राजा बनाया। इसके बाद राजा शांतनु ने सत्यवती नाम की स्त्री से दूसरा विवाह किया। सत्यवती एक राजा की पुत्री थी जिसे एक नाव चलाने वाले ने पाला था। राजा शांतनु के सत्यवती से 2 पुत्र हुए, इनके नाम थे चित्रांगद और विचित्रवीर्य।

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जवानी में ही मारा गया चित्रांगद
चित्रांगद और विचित्रवीर्य के जन्म के कुछ समय बाद ही राजा शांतनु की मृत्यु हो गई। भीष्म ने ही इन दोनों का पालन-पोषण किया, लेकिन वे स्वयं राजा नहीं बने क्योंकि वे प्रतिज्ञाबद्ध थे। चित्रांगद जब युवा हो गया तब भीष्म ने उन्हें हस्तिनापुर का राजा बनाया। एक बार चित्रागंद जब गंधर्वों से युद्ध करने गए तो वहां उन्हीं के नाम वाले एक गंधर्व चित्रांगद ने उसका वध कर दिया। इस तरह एक बार फिर हस्तिनापुर का सिंहासन खाली हो गया।

भीष्म ने विचित्रवीर्य को बनाया राजा
चित्रांगद की मृत्यु के बाद भीष्म ने विचित्रवीर्य को हस्तिनापुर का राजा बनाया और स्वयं राज्य के संरक्षक बन गए। विचित्रवीर्य के विवाह योग्य होने पर भीष्म ने उनका विवाह काशी की राजकुमारी अंबिका और अंबालिका से करवाया दिया। विचित्रवीर्य ने कुछ समय तक हस्तिनापुर पर शासन किया लेकिन क्षय रोग (टीबी) होने के कारण उनकी भी मृत्यु हो गई। उनकी कोई संतान नहीं थी।

कैसे हुआ धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म?
हस्तिनापुर राज्य पर शासन करने वाला जब कोई नहीं बचा तो रानी सत्यवती ने महर्षि वेदव्यास को बुलाया। उनके आशीर्वाद से अंबिका को एक अंधा पुत्र हुआ जो धृतराष्ट्र कहलाया। इसके बाद अंबालिका को भी एक पुत्र हुआ जो पांडु हुए। विचित्रवीर्य की पत्नियों के गर्भ से जन्म लेने के कारण धृतराष्ट्र और पांडु विचित्रवीर्य के पुत्र कहलाए।


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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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