Khar Maas Ke Upay: इस बार खर मास 16 दिसंबर से शुरू होगा, जो 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। इस दौरान यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो किसी का भी दुर्भाग्य दूर हो सकता है।
Khar Maas Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। ये सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो खर मास शुरू हो जाता है। इस एक महीने में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते। इसे क्षय मास भी कहते हैं। इस बार खर मास 16 दिसंबर, सोमवार से शुरू हो रहा है, जो 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस महीने में यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो किसी का भी दुर्भाग्य दूर हो सकता है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, खर मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इसलिए इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। खर मास में भगवान विष्णु के साथ यदि देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाए तो धन लाभ के योग बनते हैं, साथ ही घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। संभव हो तो खर मास में लक्ष्मी-विष्णु प्रतिमा का अभिषेक गाय के दूध से करें।
खर मास के दौरान प्रतिदिन शाम को तुलसी के पौधे के नजदीक गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं और 7 परिक्रमा करें। यदि तुलसी नामाष्टक मंत्र याद हो तो वह भी बोलें। तुलसी की पूजा से आपके घर में किसी तरह की कोई निगेटिव एनर्जी नहीं रहेगी और हर इच्छा पूरी हो सकती है।
खर मास में रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी की माला से लक्ष्मी मंत्रों का जाप विधि-विधान से करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी और धन लाभ की इच्छा भी पूरी होगी। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का ये सबसे आसान उपाय है।
खर मास में दान का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मान्यता है कि खर मास में जो भी वस्तु दान की जाती है, वह कईं गुना होकर हमें पुन: मिलती है। इसलिए खर मास में अपनी इच्छा अनुसार जरूरतमंदों को धन, भोजन, अनाज, कपड़े, कंबल, जूते-चप्पलों का दान करें।
धर्म ग्रंथों में पीपल को साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है, इसलिए खर मास में पीपल की पूजा करने का महत्व है। खर मास में रोज पीपल के वृक्ष पर हल्दी मिश्रित जल चढ़ाएं। इससे आपका बेड लक दूर होगा।
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