
Khatushyam Mela 2024: राजस्थान के सीकर के निकट स्थित खाटू में भगवान श्याम का प्राचीन और विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहां हर साल फाल्गुन मास में मेला लगता है, जिसमें लाखों भक्त प्रतिदिन यहां आकर भगवान श्याम के दर्शन करते हैं। इसे लक्खी मेला के नाम से भी जाना जाता है। इस बार ये मेला 11 मार्च से शुरू हो चुका है जो 21 मार्च तक रहेगा। इन 11 दिनों में लगभग 1 करोड़ से ज्यादा भक्त यहां आने के अनुमान है। मंदिर समिति और प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारी की हुई है। आगे जानिए लक्खी मेले से जुड़ी हर खास बात…
महाभारत के अनुसार, भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र का नाम बर्बरीक था। वे परम शक्तिशाली थे। उनका प्रण था कि वे हमेशा कमजोरों का साथ देंगे। जब महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था तो बर्बरीक भी इस युद्ध में शामिल होना चाहते थे, लेकिन श्रीकृष्ण ने उनसे उनका मस्तक दान में मांग लिया। तब श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वे कलयुग में श्याम नाम से पूजे जाएंगे। इसलिए भगवान बर्बरीक को बाबा श्याम के नाम से जाना जाता है।
आम दिनों में खाटूश्याम मंदिर के दरवाजे रोज सुबह 05.30 बजे खुलते हैं और रात 10 बजे तक यहां निरंतर दर्शन होते हैं। लक्खी मेले के दौरान यहां आने वाले भक्तों की संख्या कईं गुना बढ़ जाती है, इसलिए इस दौरान 24 घंटे ही मंदिर के पट खुले रहते हैं। यहां वीआईपी दर्शन की कोई सुविधा नहीं है। सभी को आम भक्तों की तरह कतार में लगकर ही दर्शन करने पड़ते हैं।
मंदिर में भगवान खाटूश्याम के दर्शन के लिए 14 लाइन हैं। मुख्य तौर पर 4 लाइनों से ही भक्तों को दर्शन करवाए जाते हैं, लेकिन भीड़ ज्यादा होने पर अन्य लाइनों को भी सुविधा अनुसार खोल दिया जाता है। इन कतारों में से होते हुए भक्त गर्भगृह तक पहुंचते हैं। यहां से आप 15 फीट की दूरी से बाबा श्याम के दर्शन कर सकते हैं।
भगवान खाटूश्याम की आरती दिन में 5 बार होती है। ये है इनका समय-
- मंगला आरती- सुबह 5.30 पर
- श्रंगार आरती- सुबह 7.45 पर
- भोग आरती- दोपहर 12.30 पर
- संध्या आरती- शाम 6.45 पर
- शयन आरती- रात 9.30 पर
मंदिर प्रशासन के अनुसार, भक्त बाबा श्याम को सीधे तौर पर कुछ नहीं चढ़ा सकते। मंदिर में ही विशेष प्रकार के बॉक्स लगाए गए हैं, जिसमें लोग फूलमाला, मोर छड़ी, इत्र की शीशी, प्रसाद व श्रृंगार की अन्य चीजें चढ़ा सकते हैं। लक्खी मेले में भगवान खाटूश्याम की पदयात्रा भी भक्तों द्वारा की जाती है। ये यात्रा रींगस से शुरू होती है।
- खाटूश्याम मंदिर से सबसे निकट हवाई अडडा जयपुर में है। ये एयरपोर्ट देश-विदेश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों से जुड़ा हुआ है।
- रींगस (सीकर) में ही प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो पूरे देश से जुड़ा हुआ है। यहां उतरकर सीधे मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
- रींगस देश के सभी प्रमुख हाईवे से जुड़ा हुआ है। जयपुर-बीकानेर हाईवे पर खायूश्याम मंदिर है। रींगस पहुंचकर सीधे मंदिर तक जाया जा सकता है।
मंदिर के आस-पास रुकने के लिए अनेक होटल और धर्मशालाएं हैं। वर्तमान में यहां करीब 20 होटल, 400 गोस्ट हाऊंस और 600 धर्मशालाएं हैं। इनकी किराया 500 रूपए से लेकर 2000 रुपए प्रतिदन तक है। वाहन पार्किंग के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा 52 बीघा में फ्री पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं इसके आस-पास लोगों ने अपने खेतो में पार्किंग बनाई है, जो सशुल्क है।
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