Nagchandreshwar Mandir Ujjain Live: साल में सिर्फ 24 घंटे के लिए नागपंचमी पर ही खुलता है ये मंदिर, यहां करें लाइव दर्शन

Published : Aug 21, 2023, 08:07 AM IST
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सार

Nagchandreshwar Mandir Ujjain Live: उज्जैन को मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। यहां कई विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर है भगवान नागचंद्रेश्वर का। खास बात ये है कि ये मंदिर साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी पर ही खुलता है। 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में सप्त पुरियों का वर्णन हैं यानी 7 सबसे पवित्र शहर। इनमें उज्जैन (Ujjain) भी एक है। उज्जैन मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। इसका प्राचीन नाम उज्जयिनी है। यहां कई विश्व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है जसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, हरसिद्धि शक्तिपीठ, कालभैरव, मंगलनाथ और गुरु सांदीपनि आश्रम। ऐसा ही एक मंदिर है नागचंद्रेश्वर भगवान का। आगे जानिए क्यों खास है ये मंदिर करिए लाइव दर्शन…



इसलिए खास है ये मंदिर (Nagchandreshwar Mandir)
भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) के ही सबसे ऊपरी तल पर स्थित है। इस मंदिर की विशेषता है कि ये साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी पर 24 घंटे के लिए ही खुलता है। साल के बाकी दिनों में ये बंद ही रहता है। ऐसी परंपरा किसने और क्यों बनाई, ये कोई नहीं जानता। नागपंचमी (Nagpanchami 2023) पर सबसे पहले यहां महानिर्माणी के संत पूजा करते हैं, इसके बाद भक्त। एक अनुमान के मुताबिक एक दिन में यहां लगभग ढाई से 3 लाख भक्त दर्शन करते हैं।

क्या है मान्यता? (Why is Nagchandreshwar temple of Ujjain special?)
प्राचीन मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर तक्षक नाग के शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। प्रसन्न होकर शिवजी ने उसे इसी स्थान पर रहने का वरदान दिया था। मान्यता है कि आज भी तक्षक नाग इसी मंदिर के गुप्त स्थान पर रहता था। इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि यहां दर्शन करने मात्र से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

मराठाकाल की अद्भुत प्रतिमा
आमतौर पर शेषनाग पर भगवान विष्णु दिखाई देते हैं, लेकिन इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा में शेषनाग पर शिवजी और देवी पार्वती विराजमान है। प्रतिमा में इन दोनों के अलावा इनके वाहन नंदी और शैर भी दिखाई देते हैं। एक ही पत्थर पर बनाई गई ये प्रतिमा मराकालीन कला का अद्भुत उदाहरण है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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