Narad Jayanti 2024: क्यों एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रुकते देवर्षि नारद? एक श्राप है इसका कारण

Narad Jayanti 2024: देवर्षि नारद भगवान विष्णु के परम भक्त हैं। अनेक ग्रंथों में देवर्षि नारद से जुड़ी कथाओं का वर्णन मिलता है। नारद जी से जुड़ी ऐसी कईं बातें हैं, जिनके बारे में लोगों को कम ही जानकारी है।

 

Manish Meharele | Published : May 25, 2024 3:26 AM IST

Interesting facts related to Narad Muni: हर साल ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा तिथि पर नारद जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 25 मई, शनिवार को है। मान्यता है कि यही वो तिथि है जब देवर्षि नारद प्रकट हुए थे। इस दिन देवर्षि नारद की विशेष पूजा की जाती है। श्रीमद्भागवत के अनुसार देवर्षि नारद भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। आगे जानिए देवर्षि नारद से जुड़ी कुछ खास बातें…

पूर्व जन्म में कौन थे देवर्षि नारद?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवर्षि नारद पूर्व जन्म में एक शुद्र पुत्र थे। इस जन्म में भी वे भगवान विष्णु की भक्ति किया करते थे। भगवान विष्णु की दर्शन की इच्छा से उन्होंने घोर तपस्या की। तभी आकाशवाणी हुई कि ‘हे दासीपुत्र, इस जन्म में तुम्हें मेरा दर्शन होना संभव नहीं है, लेकिन अगले जन्म में तुम मेरे पार्षद बनोगे।’ अगले जन्म में जब ब्रह्माजी ने सृष्टि उत्पन्न करने की इच्छा से सप्तऋषियों को उत्पन्न किया तो नारदजी का भी प्राकट्य हुआ। इस जन्म में वे भगवान विष्णु की परम भक्त बने।

किसने दिया था देवर्षि नारद को भटकने का श्राप?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मा ने अपने पुत्र प्रजापति दक्ष को सृष्टि बढ़ाने का निर्देश दिया। पिता की आज्ञा मानकर दक्ष प्रजापति ने अपनी पत्नी आसक्ति से 10 हजार पुत्र पैदा किए। दक्ष ने सोचा कि इतने सारे पुत्रों से एक नई सृष्टि का निर्माण संभव हो सकेगा। लेकिन नारदजी ने उन सभी 10 हजार पुत्रों को वैराग्य का ज्ञान देकर राजपाठ से वंचित कर दिया जिससे कारण वे तपस्या में लीन हो गए। जब ये बात राजा दक्ष को पता चली तो वे बहुत क्रोधित हुए और गुस्से में आकर उन्होंने देवर्षि नारदजी को श्राप दिया कि ‘तुम कभी भी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रुक सकोगे, सदैव एक स्थान से दूसरे स्थान पर ही भटकते रहोगे।‘ यही कारण है देवर्षि नारद कहीं पर भी अधिक समय के लिए नहीं रुकते, वे तीनों लोकों में भगवान विष्णु का गुणगान करते हुए घूमते रहते हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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