पौराणिक कथाओं के अनुसार, तारकासुर नाम के एक महापराक्रमी राक्षस था, जिसे वध सिर्फ शिव पुत्र के हाथों ही संभव था। तारकासुर ने अपनी मृत्यु को टालने का कई बार प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहा। अंत में शिव पुत्र कार्तिकेय यानी मुरुगन स्वामी ने उसका वध कर दिया। इसी खुशी में देवताओं में उत्सव मनाया, उसे ही आज थाईपुसम के रूप में मनाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव भी कहते हैं।
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