धोनी-कोहली या राहुल नहीं तो कौन है युवराज सिंह का फेवरेट कप्तान?
बेंगलुरु: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत को एकांगी रूप से कई अद्भुत जीत दिलाने वाले युवराज सिंह ने अपने पसंदीदा कप्तान के बारे में खुलासा किया है. धोनी, द्रविड़, गांगुली इनमें से किसे चुनेंगे, यह उत्सुकता सभी जगह थी.
भारत क्रिकेट के अद्भुत ऑलराउंडरों में से एक युवराज सिंह. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एकांगी रूप से भारत को कई अद्भुत जीत दिलाई हैं. युवी कई युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं
क्रिकेट स्टार बनने के साथ-साथ, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़कर जीत हासिल करने वाले युवी. इस तरह वे कई लोगों के लिए प्रेरणा बने.
कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद, टीम इंडिया को 2011 का एकदिवसीय विश्व कप जिताने में युवी की भूमिका को कोई नहीं भूल सकता.
भारत को कई बार आईसीसी ट्रॉफी दिलाने में युवराज सिंह की भूमिका को भारतीय क्रिकेट कभी नहीं भूलेगा. अब भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपने पसंदीदा, सर्वश्रेष्ठ कप्तान का नाम बताया है भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपने शानदार करियर में युवराज सिंह कई महान कप्तानों के साथ खेले हैं.
इनमें तीनों प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट टीम को नंबर 1 स्थान पर ले जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी और दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली शामिल हैं. रन मशीन विराट कोहली की कप्तानी में भी युवराज सिंह भारत के लिए क्रिकेट खेले हैं.
हालांकि, उन्होंने विराट कोहली या एम एस धोनी को अपना सर्वश्रेष्ठ कप्तान नहीं माना. इसी तरह राहुल द्रविड़ को भी उन्होंने अपना पसंदीदा कप्तान नहीं बताया. तो फिर युवराज सिंह का सर्वश्रेष्ठ कप्तान कौन है?
एक इंटरव्यू में, युवराज सिंह ने अपने पसंदीदा कप्तान के बारे में खुलासा किया. उस इंटरव्यू में, गांगुली, धोनी, द्रविड़ तीनों में से एक को चुनकर उनमें से 'सर्वश्रेष्ठ कप्तान' का नाम बताने के लिए कहा गया.
2011 के विश्व कप विजेता युवराज ने बताया कि उन्होंने धोनी की कप्तानी में कई सालों तक खेला. धोनी को एक अच्छे कप्तान बताया. लेकिन, बंगाल टाइगर, दादा के नाम से मशहूर गांगुली को अपना पसंदीदा कप्तान चुनना चाहूंगा.
युवराज ने आगे कहा, 'वे सभी कप्तान थे. धोनी, गांगुली की कप्तानी में लंबे समय तक खेला. गांगुली की कप्तानी में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी, इसलिए सौरव गांगुली मेरे पसंदीदा कप्तान हैं.
भारत अंडर-19 विश्व कप जीत में युवराज सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी और मैन ऑफ द सीरीज रहे थे. इसके बाद भारतीय सीनियर टीम में जगह बनाई. 2000 के आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी (बाद में चैंपियंस ट्रॉफी का नाम दिया गया) के लिए भारतीय टीम में युवराज को जगह मिली.
गांगुली की कप्तानी में केन्या के खिलाफ 16वें ओवर में युवराज ने पदार्पण किया. लेकिन उस मैच में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में युवराज ने बल्लेबाज के रूप में कमाल दिखाया. 80 गेंदों में 84 रन बनाकर शानदार पारी खेली और टीम के लिए कितने अहम खिलाड़ी हैं, यह साबित कर दिया.
उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. भारतीय टीम को कई शानदार जीत दिलाने के साथ-साथ आईसीसी ट्रॉफी जीतने में युवराज सिंह के बल्ले और गेंद ने अहम भूमिका निभाई है. एम एस धोनी की कप्तानी में 2007 का टी20 वर्ल्ड कप भारत ने शानदार तरीके से जीता था, जिसमें युवराज का अहम योगदान था.
इंग्लैंड के स्टार गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर की छह गेंदों में छह छक्के जड़कर इतिहास रच दिया था. इस मैच में उन्होंने 30 गेंदों में 70 रन बनाकर अविस्मरणीय पारी खेली थी. इंग्लैंड के खिलाफ अपने शानदार खेल के दम पर 2007 के टी20 वर्ल्ड कप जीत में युवी भारत के स्टार बनकर उभरे थे.
2011 के विश्व कप में भी युवराज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 28 साल बाद भारत को विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई. टूर्नामेंट में बल्ले से 362 रन बनाए. साथ ही, 15 विकेट भी चटकाए. मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार जीता.