कश्मीर में हॉकी कल्चर (Hockey Culture in Kashmir) को बढ़ावा मिल रहा है और युवक-युवतियां सुबह-सुबह तैयार होकर हॉकी के मैदान में नजर आते हैं। अब तो श्रीनगर के पोलो ग्राउंड में नया एस्ट्रो टर्फ भी तैयार कर दिया गया है।
Hockey Culture Kashmir. जम्मू कश्मीर का माहौल बदला है और वहां खेलों के प्रति भी युवाओं का रूझान बढ़ रहा है। पहले यहां हॉकी के खिलाड़ी नाम मात्र के होते थे लेकिन अब ऐसे हालात बन रहे हैं कि कई खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं। कई लड़कियां बड़े सपने देख रही हैं और सुबह-सुबह ट्रैक शूट पहनकर मेहनत करने के लिए श्रीनगर के पोलो ग्राउंड पहुंच जाती हैं। कश्मीर में हॉकी कल्चर को बढ़ावा देने के केंद्र शासित प्रदेश की सरकार भी मदद कर रही है।
युवाओं को मिल रहा मंच
2016 और 2018 में जम्मू कश्मीर के लिए खेलने वाली इनायत कहती हैं कि यहां अब बदलाव हो रहा है और नई सुविधाएं अधिक से अधिक युवा लड़कों और लड़कियों को खेल की तरफ आकर्षित कर रही हैं। वहीं नुजहत अरा कहती हैं कि युवा लड़के और लड़कियां खेल को गंभीरता से लेना चाहते हैं। वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश में करीब 40 हॉकी क्लब हैं। क्लब से लेकर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर टूर्नामेंट कराए जा रहे हैं। कश्मीर घाटी के प्लेयर्स नेशनल लेवल के टूर्नामेंट में संख्या बढ़ाने के मकसद से नहीं जाते बल्कि भारतीय हॉकी में मौजूद लोगों का ध्यान भी आकर्षित करने के लिए जाते हैं।
कोच हैं नुजहत अरा
जम्मू कश्मीर के लिए 16 बार खेल चुकी नुजहत अरा योग्य एनआईएस कोच हैं। वे कहती हैं कि इस खेल ने कश्मीर घाटी में हॉकी कल्चर को बढ़ाया है। अब यहां पर हॉकी लोकप्रिय खेल बन चुका है। लड़कियों ने भी हॉकी स्टिक उठा ली है और खेल के प्रति उनका जूनून देखते ही बनता है। घाटी में जगह-जगह पर एस्ट्रो टर्फ बने हैं और यह सुविधाएं खिलाड़ियों को आकर्षित कर रही हैं। श्रीनगर के पोलो ग्राउंड में नया एस्ट्रो टर्फ बनाया गया है और अमर सिंह कॉलेज में भी एक टर्फ बिछाने की प्लानिंग है।
लड़कियों के बीच हॉकी लोकप्रिय
जेके हॉकी के प्रेसीडेंट राजीव कुमार कहते हैं कि हॉकी की लोकप्रियता दूर-दूर तक पहुंच रही है। कश्मीर घाटी में हॉकी लड़कियों के बीच भी तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। राजीव कुमार ने कहा कि भारत की विरासत का अनिवार्य हिस्सा हॉकी है और देश ने हॉकी में कई मेडल्स जीते हैं। अब जम्मू कश्मीर भी इसमें भागीदारी करेगा। कहा कि जेके स्पोर्ट्स काउंसिल के साथ जेके हॉकी भी जम्मू कश्मीर में हॉकी कल्चर को बढ़ावा दे रहा है। मार्शल आर्ट सहित अन्य स्पोर्ट्स एक्टिविटी में भी कश्मीर के युवा कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं।
बच्चों पर पॉजिटिव इंपैक्ट
नुजहत अरा कहती हैं कि हर शाम 10-12 लड़के-लड़कियां प्रैक्टिस करते हैं। वे गेंद को ड्रिबल करते करते हैं। पेनाल्टी कॉर्नर की प्रैक्टिस करते हैं। यह सब देखकर उत्साह बढ़ता है। बच्चों पर इन गतिविधियों का पॉजिटीव इंपैक्ट पड़ रहा है। जम्मू कश्मीर भी पंजाब और हरियाणा के मॉडल को फॉलो करेगा क्योंकि इन राज्यों के हॉकी खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करते हैं।
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साभार- आवाज द वॉयस