गृह मंत्री अमित शाह ने नवादा में रैली के दौरान कहा कि बिहार में फिर जंगलराज आ गया है। लालू यादव के साथ बनी सरकार राज्य में शांति नहीं ला सकती। नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं।
नवादा। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने रविवार को बिहार के नवादा में रैली को संबोधित किया। वह पहले सासाराम भी जाने वाले थे, लेकिन राम नवमी के बाद हुई हिंसा के चलते उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
अमित शाह ने कहा, "बिहार में फिर से जंगल राज लौट आया है। सासाराम में लोग मारे जा रहे हैं, गोलियां चल रहीं हैं। मैं जनता से क्षमा मांगना चाहता हूं कि वहां नहीं आ पाया। मैं सासाराम जरूर आऊंगा। ईश्वर से कामना करता हूं कि बिहार में जल्दी से शांति की स्थापना हो। सरकार को कहने का कोई मतलब नहीं हैं। मैंने गवर्नर को फोन किया तो ललन सिंह नाराज हो गए। मैं देश का गृह मंत्री हूं, देश में शांति व्यवस्था हो यह मेरा काम है।"
लालू यादव के साथ बनी सरकार बिहार में नहीं ला सकती शांति
गृह मंत्री ने कहा, "जंगल राज वाले लालू यादव के साथ बनी सरकार बिहार में शांति नहीं ला सकती। सत्ता की भूख ने नीतीश कुमार को लालू यादव की गोद में बैठने के लिए मजबूर कर दिया। हमारी ऐसी कोई मजबूरी नहीं है। हम जनता के बीच जाएंगे और इस सरकार को उखाड़ फेकेंगे।"
तेजस्वी को सीएम नहीं बनाएंगे नीतीश
अमित शाह ने कहा, "बिहार में एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनना है और लालू के बेटे को मुख्यमंत्री बनना है। इसमें बिहार की जनता पिस रही है। लालू यादव नीतीश कुमार को आप जानते हैं। वह प्रधानमंत्री बनने से रहे। वहां जगह खाली नहीं है। देश की जनता ने फैसला किया है कि तीसरी बार भी पीएम नरेंद्र मोदी बनने वाले हैं। अगर मोदी पीएम बने तो नीतीश कभी आपके बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे। आप गलतफहमी में हो और नीतीश बाबू भी गलतफहमी में हैं।"
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नीतीश के लिए बंद हो गए भाजपा के दरवाजे
उन्होंने कहा कि आज इस सरकार के आधे विधायक भाजपा के दरवाजे खटखटा रहे हैं। अगर कोई यह सोच रहा है कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लेंगे तो वे सुन लें नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। जातिवाद का जहर घोलने वाले नीतीश बाबू और जंगलराज के प्रणेता लालू प्रसाद, इन दोनों के साथ भाजपा कभी राजनीतिक सफर नहीं तय कर सकती। नीतीश बाबू आपने अपने जीवन में कई पार्टियां बदली हैं, कई लोगों को धोखा दिया हैं, लेकिन जिस UPA में लालू के साथ आप गए हैं, उसने बिहार को क्या दिया?
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