बिहार की पॉलिटिक्स में हलचल मचाने के बाद बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री 17 मई को हनुमंत कथा का भव्य आयोजन करके वापस मप्र के खजुराहो स्थित अपने दरबार लौट आए। हालांकि बागेश्वर धाम लगातार मीडिया की चर्चा में हैं।
खजुराहो/पटना. बिहार की पॉलिटिक्स में हलचल मचाने के बाद बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री 17 मई को हनुमंत कथा का भव्य आयोजन करके वापस मप्र के खजुराहो स्थित अपने दरबार लौट आए। हालांकि बागेश्वर धाम लगातार मीडिया की चर्चा में हैं। बागेश्वर धाम की बिहार कथा को लेकर बिहार के कई मंत्रियों ने चैलेंज किया था, बावजूद दावा किया गया कि बागेश्वर के दरबार में 30 लाख से अधिक लोग पहुंचे। सरकार के असहयोग के बावजूद इतने लोगों के लिए अच्छा इंतजाम किया गया।
बाबा बागेश्वर धाम को लेकर बिहार में मची राजनीति के बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक सनसनीखेज बयान देकर मामले को और गर्म कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बागेश्वर का अपमान करने वालों की तुलना कुत्तों से की है। बिहार के बक्सर पहुंचे अश्विनी कुमार चौबे ने मीडिया के सवालों पर कहा कि बागेश्वर बाबा हाथी के समान हैं और उनका अपमान करने वाले उस कुत्ते के समान हैं, जो चलते हुए हाथी पर भौंकते रहते हैं। जो लोग भौंक रहे हैं, भौंकते रहें, बाबा पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने बिहार में बागेश्वर धाम के पोस्टर फाड़े जाने, उस पर कालिख पोते जाने को लेकर खासी नाराजगी जताते हुए कहा कि बिहार की जनता ऐसे लोगों को समुद्र में फेंक देगी।
बिहार की राजधानी से सटे नौबतपुर के तरेत पाली में 5 दिवसीय हनुमंत कथा के बाद बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) खजुराहो लौट आए हैं, लेकिन बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है। महागठबंधन के नेता धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को लेकर विवादास्पद बयान देते आए हैं। उन्हें बीजेपी का एजेंट तक कहा गया। नेताओं ने आरोप लगाया कि शास्त्री हिंदू-मुस्लिम करते हैं। लेकिन इस बीच आरजेडी (RJD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एक लिखित बयान जारी करके अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कहा जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले RJD के नेता बीजेपी के आगे झुकने लगे हैं।
शिवानंद तिवारी ने लालू और नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये भले ही संविधान बचाओ का शोर मचाते रहें, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने पांच करोड़ लोगों को अपने खेमे में बहाल कर लिया है। तिवारी ने कहा कि बाबा बागेश्वर बिहार जैसे राज्य में अपना काम करके चले गए हैं।
बता दें कि हनुमंत कथा के दौरान बाबा बागेश्वर ने लोगों से कहा था-"बिहार के 10-12 करोड़ में से अगर पांच करोड़ लोग ही अपने-अपने घर के बाहर धर्म का ध्वज फहराएं और माथे पर तिलक लगा लें तो हमारा रामराज का उद्देश्य पूरा हो जाएगा। हाथ उठाओ कौन कौन घर के बाहर धर्म का ध्वज फहराएगा और माथे पर तिलक लगाएगा?" इसके बाद पंडाल से लाखों हाथ ऊपर उठ गए थे।
कई विवादों और विरोध के बीच बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की पटना में भव्य हनुमंत कथा का बुधवार को समापन हो गया था। राजनीतिक विरोध के बीच अनुमान है कि कथा सुनने 30 लाख से अधिक भक्त पहुंचे थे। बागेश्वर धाम ने बिहारियों को संबोधित करते हुए कहा था-कैसे हो बिहार के पागलों। इसे लेकर भी विवाद हुआ था। पटना के नौबतपुरा में बाबा बागेश्वर का 13-17 मई तक दिव्य दरबार लगा था। भीषण गर्मी के बावजूद बागेश्वर धाम से आशीर्वाद लेने लाखों लोग पंडाल में डटे रहे थे।
अब मप्र के सागर जिले के जैसीनगर सुर्खी में 19 मई से 22 मई तक बाबा बागेश्वर की हनुमंत कथा होगी। बागेश्वर के आफिसियल फेसबुक पेज पर लिखा गया-जैसीनगर सुर्ख़ी सागर मध्यप्रदेश में कल से आयोजित दिव्य श्री हनुमंतकथा में आप सभी का स्वागत है….पूज्य सरकार की अनुपम वाणी से सराबोर होने….इस दिव्य कथा का सीधा प्रसारण आप सत्संग टीवी और बागेश्वर धाम के फ़ेसबुक और यूट्यूब पर भी देख सकते हैं।
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