
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रिजल्ट महागठबंधन की बुरी हार हुई है लेकिन तेजस्वी यादव ने राघोपुर से जीतकर अपनी और पार्टी की इज्जत बचा ली। चुनाव में कई बड़े दिग्गजों ने जीत दर्ज की है, जबकि कुछ वीवीआईपी बुरी तरह से चुनाव हार गए। हारने वालों में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह, भोजपुरी फिल्म स्टार रितेश पांडे जैसे दिग्गज शामिल हैं। दूसरी तरफ, मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह एक बार फिर जेल से चुनाव जीत चुके हैं। नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री सम्राट सिंह भी विनर बने। आइए जानते हैं दिग्गजों का रिजल्ट, कौन-कहां से जीता और कौन कहां से हारा…
तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से तीसरी बार चुनाव जीता। उन्होंने 118597 वोट पाकर भाजपा प्रत्याशी सतीश कुमार को हराया। उन्हें 104065 वोट मिले। हार का मार्जिन 14532 रहा। तेजस्वी ने 2015 और 2020 में लगातार जीत दर्ज की थी। बता दें, यह वही सीट है, जहाँ 2010 में सतीश यादव ने तेजस्वी की माँ राबड़ी देवी को शिकस्त दी थी। यादव और मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता के कारण यह सीट हमेशा चर्चा में रहती है।
भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट हार गए हैं। भाजपा की छोटी कुमारी ने 7600 वोटों से अभिनेता को शिकस्त दी। भाजपा प्रत्याशी को 86845 और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल को 79245 वोट मिला। रवि किशन, मनोज तिवारी और निरहुआ जैसे सुपरस्टार्स ने अपना पहला चुनाव हारा था, ऐसे में खेसारी लाल यादव अगर जीतते तो वह इंडस्ट्री के 'फर्स्ट विक्टरी स्टार' बन जाते।
25 वर्षीय प्रसिद्ध लोक गायिका और भाजपा उम्मीदवार मैथिली ठाकुर अलीनगर सीट से चुनाव जीत चुकी हैं। पहली बार राजनीतिक पारी खेलने वाली मैथिली को अलीनगर की जनता ने 84915 वोट दिया। दूसरे नंबर पर रहने वाले राजद प्रत्याशी बिनोद मिश्रा को 73185 वोट मिला। मिथिला क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय मैथिली को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का समर्थन मिला। शास्त्रीय और लोक संगीत की इस प्रतिभाशाली गायिका की संपत्ति 3.8 करोड़ रुपये है।
मोकामा चुनाव 2025 अनंत सिंह जीत गए हैं। उन्हें 91 हजार से ज्यादा वोट मिला। दूसरे नंबर पर राजद की वीणा देवी रहीं। उन्हें 63 हजार से ज्यादा वोट मिला। पिछले 20 सालों से मोकामा पर उनका वर्चस्व कायम है। हालांकि, इस बार उनका सीधा मुकाबला राजद की तरफ से पूर्व सांसद वीणा देवी से था, जो बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। 25 साल बाद मोकामा में ये दो बाहुबली परिवार आमने-सामने आए थे।
बक्सर सीट से पूर्व आईपीएस और भाजपा उम्मीदवार आनंद मिश्रा ने जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार संजय कुमार तिवार उर्फ मुन्ना को हराया। आनंद मिश्रा को 'असम का सिंघम' भी कहा जाता है। मादक पदार्थों के माफिया पर कठोर कार्रवाई के कारण युवाओं में लोकप्रिय रहे मिश्रा 2024 में इस्तीफा देकर राजनीति में आए। विकास, शिक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर जोर दे रहे मिश्रा का संकल्प बक्सर को 'सुनहरा भविष्य' देना है।
तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा चुनाव 2025 बुरी तरह से हार गए हैं। उन्हें तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। राम विलास की लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह को महुआ की जनता ने विधायक चुना है। बता दें, तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव इस बार अपनी खुद की पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' (JJD) बनाकर महुआ सीट से चुनाव लड़ था। तेज प्रताप दावा कर रहे थे कि उनकी पार्टी 10 से 15 सीट जीतेगी।
उप मुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेता सम्राट चौधरी 15 साल के अंतराल के बाद तारापुर सीट से दोबारा चुनाव जीत गए हैं। इस सीट पर कुशवाहा, यादव, सवर्ण, साह, दलित और मुस्लिम समुदाय का मिश्रित वोटर बेस है। सम्राट चौधरी का दावा किया था कि वह इस बार तारापुर को पहली बार भाजपा के खाते में लाकर 2010 के चुनाव परिणामों का रिकॉर्ड भी तोड़ेंगे, जो उनके भविष्य की राजनीति के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।
66 वर्षीय दिग्गज नेता रेणु देवी ने बेतिया सीट से छठी बार चुनाव जीता। उन्होंने 91907 वोट पाकर कांग्रेस प्रत्याशी WASHI AHMAD को हराया। कांग्रेस को 69534 वोट मिला। बता दें, रेणु देवी नवंबर 2020 से अगस्त 2022 तक बिहार की पहली महिला डिप्टी सीएम रह चुकी हैं। 2000, 2005, 2010 और 2020 में बेतिया से जीत चुकी रेणु देवी 2015 में हार गई थीं, लेकिन 2020 में उसी प्रतिद्वंद्वी (कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी) को भारी मतों से हराकर वापसी की थी।
राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स से एलएलएम की डिग्री लेकर लौटीं 28 वर्षीय शिवानी शुक्ला लालगंज सीट हार चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी संजय कुमार सिंह ने उन्हें हराया। बता दें, उनके पिता मुन्ना शुक्ला (जो जेल में बंद हैं) लालगंज के ताकतवर नेता रहे हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) की उम्मीदवार दीपा मांझी ने इमामगंज विधानसभा चुनाव 2025 जीत लिया है। केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बहू को लगभग 1 लाख वोट मिला है, जबकि दूसरे नंबर की राजद प्रत्याशी रितु प्रिया को लगभग 74 हजार वोट मिला है। जीतन राम मांझी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हुई थी, जिसे दीपा ने 2024 के उपचुनाव में जीतकर परिवार की विरासत को संभाला था।
भोजपुरी गायक-अभिनेता रितेश पांडे जन सुराज के टिकट पर करगहर सीट से पहली बार चुनाव लड़े थे। करगहर की जनता ने रितेश को पूरी तरह से रिजेक्ट कर दिया। इन्हें चौथा स्थान मिला है। भोजपुरी स्टार को 10 हजार वोट भी नहीं मिला। समर्थन में अरविंद अकेला कल्लू, निशा उपाध्याय और शिल्पी राज जैसे भोजपुरी सितारों ने जमकर रोड शो किए था।
पालीगंज सीट से सीपीआई(एमएल) लिबरेशन के उम्मीदवार संदीप सौरभ ने जीत हासिल की है। सौरभ को 81105 वोट मिला है, जबकि एलजेपी (रामविलास) उम्मीदवार 74450 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। जेएनयू के पूर्व सामान्य सचिव रहे संदीप 2020 में 67,917 वोटों के साथ पालीगंज सीट जीत चुके हैं। वह शिक्षा, रोजगार और युवा अधिकारों के मुद्दों पर मजबूती से काम कर रहे हैं।
प्रेम कुमार (70 वर्ष) गया टाउन सीट से भाजपा के टिकट पर लगातार नौवीं बार जीत दर्ज की है। वह आठ बार विधायक चुने जा चुके हैं। 'गया टाउन के महामंत्री' कहे जाने वाले प्रेम कुमार को 2025 के चुनाव में 90878 वोट मिला है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग (कहार समुदाय) से ताल्लुक रखते हैं। वह 2015 में विपक्ष के नेता और 2020 में सहकारिता मंत्री भी रहे। उनके पास मगध विश्वविद्यालय से 1999 में पूरी की गई डॉक्टरेट की डिग्री है।
बिहार सरकार में मंत्री और भाजपा के नितिन नवीन बांकीपुर सीट से लगातार चौथी बार चुनाव जीत लिया है। 45 वर्षीय नितिन नवीन ने 2006 में उपचुनाव जीतकर विधायक बने और 2010, 2015 और 2020 में बांकीपुर से लगातार जीत दर्ज की। 2020 में उन्होंने कांग्रेस के लव सिन्हा को लगभग 84,000 वोटों के भारी अंतर से हराया था।
राजद की महिला प्रकोष्ठ की पूर्व राज्य अध्यक्ष रितु जायसवाल ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर विद्रोह कर दिया। सीतामढ़ी की परिहार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था लेकिन उन्हें जनता ने नकार दिया। भाजपा प्रत्याशी गायत्री देवी के हाथों इन्हें हार का सामना करना पड़ा। बता दें, 48 वर्षीय रितु जायसवाल पंचायत स्तर पर अपने काम के लिए 'मुखिया दीदी' के नाम से मशहूर हैं। 2020 में वह भाजपा की गायत्री देवी से केवल 1,569 वोटों के मामूली अंतर से हारी थीं।
सुपौल विधानसभा 2025 का चुनाव जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव 9वीं बार विधायक बन गए हैं। उन्होंने 109085 वोट पाकर उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया। वो 1990 से लगातार विधायक बन रहे हैं।
दानापुर सीट 2025 का रिजल्ट भाजपा के पक्ष में आया। राम कृपाल यादव ने 1 लाख 13 हजार से ज्यादा वोट पाकर उन्होंने राजद प्रत्याशी रित लाल यादव को हराया। भाजपा ने अनुभवी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को मैदान में उतारा था। उनके सामने राजद के मौजूदा विधायक रीतलाल यादव थे, जिन्होंने 2020 में भाजपा की आशा देवी को हराया था। पिछले पांच सालों में रीतलाल पर हत्या, रंगदारी और जमीन कब्जाने के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
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