
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के साथ ही सियासत गरमाने लगी है। जनता दल (यूनाइटेड) में टिकट को लेकर मंथन का दौर तेज़ हो गया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री एवं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से 500 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात राजधानी पटना स्थित 1 अणे मार्ग के सीएम आवास पर हुई, जो करीब तीन घंटे तक चली।
इस बैठक में उन नेताओं की सबसे अधिक भीड़ रही, जो आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी पेश कर चुके हैं। अधिकांश नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों की राजनीतिक स्थिति, जातीय समीकरण और संगठनात्मक ताकत का ब्यौरा लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने हर दावेदार से व्यक्तिगत रूप से बात की, उनके क्षेत्र की ज़मीनी सियासत की जानकारी ली। कई नेताओं ने नीतीश कुमार को अपने क्षेत्र का बायोडाटा और रिपोर्ट कार्ड सौंपा। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि पार्टी टिकट चयन में “योग्यता, संगठन में योगदान और जनता से जुड़ाव” को प्राथमिकता देगी।
मुलाक़ात करने वालों में केवल नए चेहरे ही नहीं, बल्कि वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक और पुराने संगठनात्मक पदाधिकारी भी शामिल रहे। कई ऐसे नेता भी पहुंचे जो टिकट की उम्मीद से ज़्यादा अपने इलाके की समस्याओं, सड़क और बिजली जैसी स्थानीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से संवाद करने आए थे। नीतीश कुमार ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार हर मोर्चे पर सक्रिय है और जनता की शिकायतों को प्राथमिकता से हल किया जा रहा है।
इस अहम बैठक में जेडीयू के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, बिजेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। पार्टी नेतृत्व ने सभी से कहा कि संगठन की मज़बूती ही टिकट का पहला पैमाना है।
जेडीयू मुख्यालय और 1 अणे मार्ग इन दिनों लगातार दावेदारों से गुलज़ार हैं। अंदरखाने टिकट की प्रतिस्पर्धा अपने चरम पर है, पुराने नेताओं को चुनौती दे रहे हैं नए उत्साही चेहरे। कई जिलों में एक ही सीट के लिए 8-10 दावेदारों के नाम चल रहे हैं। इस बार जेडीयू फील्ड रिपोर्ट, संगठन रिपोर्ट और जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर टिकट तय करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद लगातार नेताओं से मिलकर हर विधानसभा क्षेत्र की स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
नीतीश कुमार की यह बैठक इस बात का साफ संकेत है कि जेडीयू अब पूरी तरह से “इलेक्शन मोड” में आ चुकी है। मुख्यमंत्री ने सभी नेताओं को जनता के बीच अधिक समय देने, पार्टी के जनसंपर्क अभियान को तेज़ करने और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने की हिदायत दी है।
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