IRCTC ने फैसला किया है कि सावन के महीने में बिहार में ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर सिर्फ शाकाहारी भोजन दिया जाएगा। सफाई को लेकर खास इंतजाम किए जाएंगे।
भागलपुर। IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) ने घोषणा की है कि बिहार में सावन के महीने में सिर्फ शाकाहारी भोजन दिया जाएगा। IRCTC भागलपुर ने कहा कि मांसाहारी भोजन सावन माह में नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर रेलवे द्वारा साफ-सफाई को लेकर खास इंतजाम किए जाएंगे। इसकी शुरुआत चार जुलाई से होगी।
भागलपुर में IRCTC के फूड सर्विस स्टॉल के मैनेजर पंकज कुमार ने कहा कि सावन के महीने में बिना प्याज और लहसुन से बना खाना दिया जाएगा। फल भी दिया जाएगा। यह व्यवस्था पूरे सावन रहेगी। चार जुलाई से मांसाहारी भोजन देना बंद कर दिया जाएगा। सफाई की भी खास व्यवस्था की जाएगी।"
सावन महीने में होती है भगवान शंकर की पूजा
दरअसल, 'सावन', जिसे 'श्रावण' भी कहा जाता है, सबसे पवित्र महीनों में से एक है। इस महीने में विशेषरूप से भगवान शंकर की पूजा की जाती है। भगवान भोले के भक्तों के लिए सावन महीने का हर सोमवार बेहद अहम होता है। इस दौरान शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए लाखों भक्तों की भीड़ जुटती है।
भागलपुर में गंगा नदी का जल लेकर कांवर यात्रा पर निकलते हैं भक्त
बिहार में सावन महीने में भगवान भोले की पूजा बड़े धूमधाम से की जाती है। पूरे महीने मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। श्रद्धालु सावन माह में मांसाहार का सेवन नहीं करते। भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक के लिए लोग लोग कांवर यात्रा करते हैं। वे पवित्र जलस्रोतों से जल लेकर भगवान शिव के मंदिर में नंगे पांव पहुंचते हैं।
बिहार का भागलपुर शहर कांवर यात्रा पर निकलने वालों के लिए बेहद अहम है। यहां से भक्त गंगा नदी का जल लेते हैं और झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर जाते हैं। भक्त पवित्र जल ले जाते समय केसरिया रंग के कपड़े पहनते हैं। कांवर यात्रा के दौरान भक्तों को बेहद स्वच्छता का पालन करना होता है।