
Patna Crime News: बिहार की राजधानी पटना में अपराधी अब बेखौफ हो गए हैं। लाख चौकसी, गश्त और 'एक्शन मोड' के दावों के बावजूद अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि अब वे दिनदहाड़े घर की चौखट से लेकर मुख्य सड़क, चाय की दुकान, बगीचे या दुकान तक ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्याएं कर रहे हैं। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि किसी भी हत्या के बाद पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ पाती। हर घटना के बाद यही सिलसिला चलता रहता है, खोखा उठाना, सीसीटीवी चेक करना और एफएसएल टीम बुलाकर जांच शुरू करना।
वहीं, अपराधियों के बीच पुलिस की साख खत्म होती दिख रही है। 1 जुलाई से 13 जुलाई के बीच हुई 11 हत्याएं इसकी गवाही दे रही हैं। अब लोगों का पुलिस से विश्वास उठता जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से मई तक 116 हत्याएं हुई हैं, जबकि अकेले जून में 25 हत्याएं हुई हैं, जिनमें दो दोहरे हत्याकांड भी शामिल हैं। पुलिस अब अपराध निवारण की बजाय अपराध का पता लगाने की मुद्रा में है। घटनाएं होती हैं, जांच शुरू होती है, लेकिन कोई सिद्धांत या योजना नजर नहीं आती।
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ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या पटना पुलिस को अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है या फिर बिहार जनता असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर होगी?
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