बिहार में सास-बहू और ₹19000 करोड़ का NGO घोटाला, कौन है ये रजनी प्रिया जिसे CBI ने दबोचा
करीब 1900 करोड़ रुपए का सृजन घोटाला बिहार का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता रहा है। मनोरमा देवी के पास सेलिब्रिटीज का आना-जाना लगा रहता था। गिरफ्तार रजनी प्रिया कांग्रेस नेता की बेटी हैं।
Amitabh Budholiya | Published : Aug 11, 2023 2:51 AM IST / Updated: Aug 12 2023, 01:34 PM IST
भागलपुर. बिहार में 2017 में हुए बहुचर्चित 'सृजन NGO घोटाले' में लंबे समय से फरार मास्टरमाइंड मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया को आखिरकार CBI ने 10 अगस्त को गाजियाबाद के साहिबाबाद से दबोच ही लिया। करीब 1900 करोड़ रुपए का सृजन घोटाला बिहार का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता रहा है। मनोरमा देवी के पास सेलिब्रिटीज का आना-जाना लगा रहता था।
CBI की विशेष अदालत ने रजनी प्रिया समेत दो अन्य आरोपियों, पूर्व आईएएस केपी रमैया और अमित कुमार, को भगोड़ा घोषित किया था।
सृजन घोटाले 2000 के बाद के हैं। यानी 2003 से लेकर अब तक NGO ने सरकारी राशि का खूब दुरुपयोग किया। CBI ने रजनी प्रिया को तब पकड़ा, जब वो अपने बंगले से निकल रही थीं।
रजनी प्रिया झारखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनादि ब्रह्मा की बेटी हैं। अनादि ब्रह्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के करीबी माने जाते थे।
एक सिलाई मशीन से अपना बिजनेस शुरू करने वाली मनोरमा देवी 'महिला सहकारिता' के क्षेत्र में भागलपुर में बेंचमार्क मानी जाती थीं। करीब 1000 करोड़ की मालकिन मनोरमा देवी अब घोटाले के लिए कुख्यात हैं।
मनोरमा देवी ने सबौर में ही एक कमरे के किराये में सिलाई का काम शुरू किया था। इसके बाद सृजन समिति को पहली बार भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक से 40 हजार का लोन मिला था।
सृजन घोटाले की मुख्य आरोपी मनोरमा देवी की 13 फरवरी, 2017 को मौत हो चुकी है। जांच में सामने आया है कि मनोरमा देवी के ऑस्ट्रेलिया में रह रहे बड़े बेटे डॉक्टर प्रणव कुमार को भी इसका पता था।
मनोरमा देवी की मौत के बाद सृजन NGO का पूरा काम छोटा बेटा और अमित और उनकी पत्नी रजनी प्रिया कुमार देखती थीं। कहा जा रहा है कि अमित की मौत हो चुकी है।
मनोरमा देवी ने अपनी मौत से पहले ही रजनी प्रिया को NGO का सचिव बना दिया था। इससे नाराज लोगों ने सृजन के बैंक खाते में जमा रुपए वापस नहीं किए और भू-अर्जन का अकाउंट बांस हो गया।