
CPIML MLA Mahanand Singh jailed: बिहार की राजनीति में उस समय हड़कंप मच गया जब अरवल से भाकपा-माले विधायक महानंद सिंह को 24 साल पुराने एक मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई सोमवार को जहानाबाद के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अनीश कुमार की अदालत में हुई, जब विधायक ने खुद अदालत में सरेंडर कर दिया।
यह मामला वर्ष 2001 का है, जब उनके खिलाफ नगर थाना कांड संख्या 67/2001 के तहत सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप दर्ज किया गया था। मामले की शुरुआती सुनवाई के दौरान विधायक ने एक बार जमानत ली थी, लेकिन उसके बाद वे अदालत में कभी पेश नहीं हुए। अदालत ने उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया और उनके खिलाफ समन, जमानती वारंट, गैर जमानती वारंट और अंत में कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की। इसके बावजूद जब वे पेश नहीं हुए तो उन्हें वर्ष 2022 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
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सोमवार को विधायक ने अचानक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जिस पर अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। विधायक के जेल जाने की खबर से जहानाबाद और अरवल जिले की राजनीति में सनसनी फैल गई है। समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं में हड़कंप मचा हुआ है, हालाँकि भाकपा-माले की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस मामले ने एक बार फिर विधायकों की जवाबदेही और न्यायिक प्रक्रियाओं की गंभीरता को उजागर किया है। यह दर्शाता है कि कानून की नज़र में कोई भी व्यक्ति, चाहे वह जनप्रतिनिधि ही क्यों न हो, कार्रवाई से बच नहीं सकता। आने वाले दिनों में इस मामले पर भाकपा-माले पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं महत्वपूर्ण होंगी।
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