Shabana Azmi News: बिहार के पूर्णिया जिले की महिला थानेदार शबाना आजमी एक विवाद में फंस गई हैं। उन्होंने अपने पिता और दादा को अपने थानेदार की कुर्सी पर बैठाकर फोटो खिंचवाई और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जिसके बाद DIG ने जांच के आदेश दिए हैं।

SHO Shabana Azmi viral photo: बिहार की एक महिला SHO इन दिनों चर्चा में हैं। वह पूर्णिया जिले के फणीश्वर नाथ रेणु टीओपी (छोटी पुलिस चौकी) की SHO हैं। महिला SHO का नाम शबाना आज़मी है। शबाना आज़मी ने पुलिस मैनुअल की अनदेखी कर खुशी में कुछ ऐसा कर दिया कि DIG ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इतना ही नहीं, DIG ने शबाना आज़मी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें एक केस से भी हटा दिया है, जिसकी जांच वह खुद कर रही थीं। अब सवाल यह उठ रहा है कि शबाना आज़मी कौन हैं, उन्होंने पुलिस मैनुअल का क्या उल्लंघन किया? आइए जानते हैं...

कौन हैं SHO शबाना आज़मी? क्या है पूरा मामला

विवादों से घिरी महिला SHO शबाना आज़मी फणीश्वर नाथ रेणु टीओपी (छोटी पुलिस चौकी) की SHO हैं। यह पोस्ट पूर्णिया के पूर्व एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने शहरी क्षेत्र की कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बनाई थी। TOP की शुरुआत बड़े ही धूमधाम से हुई थी। शबाना आज़मी को इसकी कमान सौंपी गई थी। शबाना आज़मी एसआई बनने से पहले बिहार पुलिस में कांस्टेबल थीं। वह औरंगाबाद जिले में तैनात थीं। SHO शबाना आज़मी ने अपने थाने में अपने पिता और दादा को अपनी कुर्सी पर बिठाया था। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पिता और दादा को अपनी कुर्सी पर बिठाकर फोटो भी खिंचवाई। 

फोटो के साथ लिखा ऐसा कैप्शन

यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वायरल तस्वीर में शबाना आज़मी एक बुजुर्ग और एक अन्य व्यक्ति के साथ नजर आ रही हैं। बुजुर्ग व्यक्ति शबाना आज़मी की कुर्सी पर बैठा है। दूसरी तस्वीर में शबाना उस व्यक्ति को फूलों का गुलदस्ता दे रही हैं। शबाना ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा, 'जब आपको माता-पिता की आंखों में खुशी देखनी हो, तो सपने सिर्फ़ अपने लिए नहीं होते, आपको एक विरासत बनानी होती है, अपना नाम रोशन करना होता है और एक ऐसी कहानी छोड़नी होती है जिसे दुनिया याद रखे।' हालांकि, पोस्ट के वायरल होने के बाद हंगामा शुरू होने पर शबाना आज़मी ने इसे सोशल मीडिया से हटा दिया। लेकिन तब तक मामला फैल चुका था।

एसएचओ शबाना आजमी को लेकर डीआईजी ने दिए जांच के आदेश

एसएचओ शबाना आज़मी के इस पोस्ट पर कई लोगों ने सवाल उठाए। लोगों ने इसे पुलिस मैनुअल एक्ट का उल्लंघन बताया। उनका कहना है कि एक पुलिस अधिकारी को अपनी कुर्सी पर किसी और को नहीं बैठने देना चाहिए। मामला बढ़ने पर डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने जांच के आदेश दिए। साथ ही, शबाना आज़मी को एक अहम मामले की ज़िम्मेदारी से भी हटा दिया गया।

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एसएचओ शबाना आजमी का इस मामले पर क्या कहना है?

शबाना आज़मी ने कहा, 'अप्रैल में मेरे पिता और दादा पहली बार फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी में मुझसे मिलने आए थे। उन्हें देखकर मैं भावुक हो गई।' उन्होंने मेरे लिए जो कुछ भी किया, मैं आज जो कुछ भी हूँ, उन्हीं की बदौलत हूँ। इसलिए, मैंने उन्हें अपनी कुर्सी पर बिठाया।' महिला SHO ने आगे कहा, 'हालांकि, जब मैंने ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं, तो किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई। सोशल मीडिया पर लोगों को यह पोस्ट खूब पसंद आई। अच्छे व्यूज़ और कमेंट्स आए।'

SHO शबानी आजमी सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं

फणीश्वरनाथ रेणु टॉप की SHO शबाना आज़मी सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं। शबाना आज़मी के फ़ेसबुक पर 15 हज़ार फ़ॉलोअर्स हैं, लेकिन वह इस प्लेटफ़ॉर्म पर किसी को फ़ॉलो नहीं करतीं।

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