Shocking Tragedy: भागलपुर के शाहकुंड-सुलतानगंज मार्ग पर कांवड़ियों की श्रद्धा यात्रा मौत में बदल गई। बिजली के तार से टकराई पिकअप वैन, करंट लगा और खाई में गिरने से 5 युवकों की दर्दनाक मौत, सावन की रात मातम में डूबी।
Bhagalpur Kawad Yatra Accident: भागलपुर जिले के शाहकुंड-सुलतानगंज मार्ग पर रविवार रात एक भयावह हादसा हुआ। गंगा स्नान और जल भरने जा रहे कांवड़ियों की पिकअप वैन बिजली के तार से टकरा गई, जिससे पूरे वाहन में करंट फैल गया। करंट का झटका लगते ही भगदड़ मच गई और कई युवक जान बचाने के लिए 30 फीट गहरी खाई में कूद पड़े। पर दुर्भाग्यवश, अनियंत्रित पिकअप वैन भी उसी खाई में गिर गई और कांवड़ियों पर पलट गई। हादसे में 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल अभिषेक के मुताबिक वाहन में कुल 9 लोग थे जो सुलतानगंज जल लेने जा रहे थे।
क्या पिकअप में फैलते ही करंट बना भगदड़ का कारण?
वाहन में बिजली का करंट फैलते ही हड़कंप मच गया। कुछ यात्रियों ने जान बचाने के लिए 30 फीट गहरी खाई में छलांग लगा दी, जो पानी से भरी थी। पर दुर्भाग्यवश, अनियंत्रित पिकअप वैन भी उसी खाई में गिर गई और कुछ कांवड़ियों पर पलट गई। हादसे ने मौके पर ही पांच युवकों की जान ले ली।

मौत का सबब बना कौन-ड्राइवर, रफ्तार या लापरवाही?
घटना में घायल अभिषेक ने बताया कि ड्राइवर तेज गति में था और अचानक ओवरटेक करने की कोशिश कर बैठा। तभी गाड़ी बिजली के तार से छू गई और पूरे वाहन में झटका दौड़ गया। शेष यात्री सदमे में हैं और घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं।
कौन थे वो 5 युवक जिनकी जान चली गई?
मृतकों की पहचान संतोष कुमार (18), मनोज कुमार (24), विक्रम कुमार (23), अंकुश कुमार (18) और राकेश उर्फ मुन्ना (18) के रूप में हुई है। सभी युवक शाहकुंड गांव के निवासी थे, और पहली बार कांवड़ यात्रा में भाग लेने निकले थे।
क्या प्रशासनिक चूक ने भी बढ़ाई हादसे की गंभीरता?
घटना की सूचना मिलते ही शाहकुंड पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचा। जेसीबी मशीन की मदद से वाहन को बाहर निकाला गया। स्थानीय गोताखोरों की मदद से डूबे हुए लोगों को भी खोजा गया। देर रात तक रेस्क्यू चलता रहा।
श्रद्धा बनी त्रासदी: क्या सुरक्षित नहीं रही अब कांवड़ यात्रा?
यह हादसा पूरे इलाके में गहरे शोक का कारण बन गया है। सावन का महीना, जो आस्था और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, अब उस क्षेत्र में मातम और सन्नाटे से भर गया है। भागलपुर का करंट हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। आस्था की राह पर चल रहे श्रद्धालुओं को अब प्रशासनिक सुरक्षा और बुनियादी संरचना की दरकार है। वरना ऐसी "सावन की रातें" बार-बार मातम में बदलती रहेंगी।
