बिहार में बाहुबलियों का गढ़ मोकामा में अब क्या? जेल गए अनंत सिंह वोट डाल पाएंगे या नहीं

Published : Nov 02, 2025, 05:11 PM ISTUpdated : Nov 02, 2025, 05:32 PM IST
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सार

Bihar Chunav 2025 : मोकामा विधानसभा सीट बिहार की राजनीति का एक अहम पार्ट है। जिसे बाहुबलियों का गढ़ भी कहा जाता है। 243 विधानसभा सीटों में सबसे हॉट असेंबली मोकामा इन दिनों हत्या और अनंत सिंह की गिरफ्तारी से देशभर में चर्चा में है। 

Mokama Assembly Seat : मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या के आरोप में गिरफ्तार बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह को रविवार को पटना कोर्ट ने पेश किया गया। जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वह फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। लेकिन अब सवाल है कि वह जिस मोकामा विधानसभा सीट से प्रत्याशी थे, अब क्या होगा। क्या वह वोट डालने या प्रचार करने बाहर आ पाएंगे या नहीं। बता दें कि चुनाव आयोग फैसला करेगा की अनंत सिंह वोट देने और प्रचार करने आ सकते या नहीं।

बाहुबलियों का गढ़ है मोकामा

बिहार के 243 विधानसभा सीटों में मोकामा विधानसभा सीट पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों में से एक है। जिसे हमेशा से ही बाहुबलियों का गढ़ माना जाता है। लेकिन इस वक्त एक हत्या की वजह से इस समय यह सीट पूरे देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट पर फेज-1 के तहत 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और एक सप्ताह बाद यानि 14 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

मोकामा में इन तीन दिग्गजों के बीच है कड़ा मुकाबला

बाहुबलियों का गढ़ कहे जाने वाले मोकामा विधानसभा सीट पर एक तरफ बिहार में सरकार चला रही जेडीयू ने प्रदेश के सबसे बड़े बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। तो विपक्षी पार्टी आरजेडी ने भी दबंग नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है। वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने यहां से प्रियदर्शी पीयूष को अपना कैंडिडेट बनाया है। तीनों की ही बीच यहां कड़ा मुकाबला है। लेकिन दुलारचंद यादव की हत्‍या के आरोप में गिरफ्तार हुए बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह के बाद सारे समीकरण ही बदल गए हैं।

मोकामा हत्या से बीजेपी या आरजेडी किसे फायदा

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोकामा में पूर्व आरजेडी नेता रहे दुलार चंद यादव की हत्या से बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर असर पड़ेगा। इस हत्याकांड से एनडीए (जेडीयू-बीजेपी) पर दबाव बढ़ा सकता है। तो वहीं एनडीए और नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था का आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव इस मामले को मुद्दा बना सकते हैं। वहीं इस मामले से पीके की जनसुराज पार्टी को भी फायदा हो सकता है। हलांकि यह सब 14 नवंबर को नतीजे बताएंगे।

मोकामा सीट की 4 बड़ी बातें

1. मोकामा के स्थानीय लोगों का कहना कि पहली बार यहां चुनाव में यहां अगड़ा वर्सेज पिछड़ा की चर्चा है।

2. भूमिहार का वोट तेजी से अनंत सिंह के पक्ष में आता हुई दिख सकता है। लेकिन गिरफ्तार के बाद असर अलग होगा।

3. जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी को भी लोग अब दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद भावनात्मक सपोर्ट कर रहे हैं।

4. वहीं आरजेडी उम्मीदवार और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को अब तक सबसे कम फायदा था। लेकिन अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उन्हें भी फायदा होता दिख रहा है।

 

 

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