
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार और प्रशासनिक महकमों को साफ संकेत दे दिया है कि चुनावी आहट बस कुछ ही दिनों की दूरी पर है। आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 6 अक्टूबर तक सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के तबादले की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके बाद किसी भी दिन बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा हो सकती है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने बुधवार को मुख्य सचिव, डीजीपी और सभी वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया कि चुनाव से जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मी की तैनाती उनके गृह जिले में नहीं होगी। इसके अलावा, जिन अधिकारियों का कार्यकाल 30 नवंबर तक तीन साल या उससे अधिक पूरा हो रहा है, उनका ट्रांसफर अनिवार्य कर दिया गया है।
आयोग का यह आदेश केवल चुनावी अमले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रशासन और पुलिस महकमे पर लागू होगा।
चुनाव आयोग का साफ कहना है कि बिहार में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना ही प्राथमिकता है। इसलिए किसी भी अधिकारी को लंबे समय तक एक ही पद पर रहने या गृह जिले में कार्यरत रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग की टीम जल्द ही बिहार का दौरा कर सकती है।
इस सख्त निर्देश के बाद राज्य के प्रशासनिक और पुलिस महकमे में हलचल बढ़ गई है। वहीं, राजनीतिक दल भी अब चुनावी मोड में पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। 6 अक्टूबर की डेडलाइन पूरी होते ही राज्य में कभी भी चुनावी बिगुल बज सकता है और सभी दल मैदान में अपनी ताकत झोंकने उतरेंगे।
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