
Bihar SIR Voter List Controversy: चुनाव आयोग के मतदाता सूची संशोधन (SIR) के खिलाफ बयान देने और आरजेडी-कांग्रेस की लाइन पर चलने पर जेडीयू सांसद गिरधारी यादव पर कार्रवाई हो सकती है। जेडीयू ने गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामले में उनसे 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।
बता दें कि सोमवार को बांका से जेडीयू सांसद गिरधारी यादव ने कहा था कि चुनाव आयोग को बिहार के इतिहास और भूगोल की जानकारी नहीं है। उन्होंने मतदाता सूची संशोधन का विरोध किया था और इसे रोकने की मांग की थी। गिरधारी यादव ने कहा था कि यह (एसआईआर) हम पर जबरन थोपा गया है। इसके लिए कम से कम 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए था।
गिरधारी यादव के इस बयान से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नाराज हैं। ऐसे में जदयू ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान ने गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनसे 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
पार्टी ने अपने नोटिस में गिरधारी यादव के अखबारों में प्रकाशित बयान की एक प्रति संलग्न की है और कहा है कि आपने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में किए जा रहे 'विशेष गहन पुनरीक्षण' पर अपनी राय व्यक्त की है। आप भली-भांति जानते हैं कि माननीय निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया है।
जेडीयू के नोटिस में कहा गया है कि आप भी इस बात से अवगत हैं कि कुछ विपक्षी दल अपने चुनावी नतीजों से हताश होकर, चुनाव आयोग, खासकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के मुद्दे पर, लगातार बदनामी का अभियान चला रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनता में इस संवैधानिक संस्था की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करना है। जबकि जनता दल (यूनाइटेड) ने हमेशा माननीय चुनाव आयोग और ईवीएम के इस्तेमाल का समर्थन किया है - चाहे वह भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में रहा हो या अब एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के नाते।
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सांसद गिरधारी यादव को भेजे गए नोटिस में जेडीयू ने कहा है कि चुनावी साल में इस संवेदनशील मुद्दे पर आपकी सार्वजनिक टिप्पणियों से न केवल पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है, बल्कि अनजाने में विपक्ष द्वारा लगाए गए निराधार और राजनीति से प्रेरित आरोपों को भी बल मिला है।
नोटिस में कहा गया है कि जनता दल गिरधारी यादव के बयानों को अनुशासनहीनता और पार्टी की घोषित नीति के विपरीत मानता है। इसलिए वे इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर कारण स्पष्ट करें, अन्यथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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