बिहार की राजनीति: बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन काफी अहम होने वाला है। इसकी वजह यह है कि लंबे समय के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं। वहीं, उनके सबसे खास लोगों में से एक आलोक मेहता के घर पर सुबह से ही ईडी की छापेमारी चल रही है और उन्हें लगातार केंद्रीय एजेंसी के सवालों का जवाब देना पड़ रहा है।
दरअसल, आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की तारीख तय हो गई है। यह बैठक पटना में होगी और पांच साल में यह दूसरी बार होगा जब यह बैठक पटना में हो रही है। इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है और ऐसे में इस बैठक से कुछ दिन पहले ही आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव खुद पार्टी दफ्तर आए हैं।
नए साल में यह पहला मौका है जब लालू इस तरह खुलकर पार्टी नेताओं के सामने आए हैं। मालूम हो कि लालू यादव को पार्टी दफ्तर आए हुए काफी समय हो गया है। कई बार चर्चा थी कि लालू यादव पार्टी कार्यालय आएंगे लेकिन अपनी बीमारी के कारण लालू यादव नहीं आ रहे थे और ऐसे में जब कुछ दिनों बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है, उससे पहले लालू का अचानक पार्टी कार्यालय पहुंचना एक बड़ा संदेश हो सकता है. दबी जुबान में यह भी चर्चा है कि इस बैठक में लालू कोई अहम फैसला लेंगे और संभव है कि वह पार्टी की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को सौंप दें.
दूसरी ओर आज सुबह से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू यादव के करीबी आलोक मेहता के ठिकानों पर छापेमारी की है. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई वैशाली कोऑपरेटिव बैंक से करोड़ों के लेन-देन के मामले में की गई है. आलोक मेहता राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, उन्हें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का भी करीबी बताया जाता है. आलोक मेहता बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं और साथ ही समस्तीपुर से सांसद भी हैं.
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