एक महिला अपने तीन बच्चों व पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी थी। महीनों लापता रहने के दौरान एक दिन वह बाजार में अपने प्रेमी के साथ दिखी। पति को इसकी भनक लग गयी और वह भी वहां आ धमका।
नालंदा। 'पति, पत्नी और वो...' ये डायलाग पति-पत्नी के संबंधों के बीच किसी तीसरे की इंट्री की कहानी बयां करता है। अक्सर सीरियल व फिल्मों में संवाद के तौर पर यह पंक्ति खूब इस्तेमाल की जाती रही है। बिल्कुल सीरियल और फिल्मी कहानी की तरह जिले में हुए एक वाकये की वजह से यह डायलाग भी याद किया जा रहा है। एक महिला अपने तीन बच्चों व पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी थी। महीनों लापता रहने के दौरान एक दिन वह बाजार में अपने प्रेमी के साथ दिखी। पति को इसकी भनक लग गयी और वह भी वहां आ धमका। फिर क्या था, दोनों पुरुष पति होने का हक जताकर बाजार में ही एक दूसरे से उलझने लगे। सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गयी। मौके पर पहुंची पुलिस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही है। महिला अपने प्रेमी के साथ ही रहना चाहती है, पति के साथ नहीं।
प्रेमी भी है शादीशुदा
प्रकरण परवलपुर इलाके के ढीवरीपर गांव का है। खुद को महिला का पति बताने वाले बब्लू कुमार यहीं के निवासी है, जबकि धीरेंद्र कुमार चण्डी थाना क्षेत्र के कोरु बिगहा निवासी हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बब्लू कुमार की आठ वर्ष पहले आरती देवी से शादी हुई थी। उनके तीन बच्चे भी हैं। करीब साल भर पहले आरती एक शादी के कार्यक्रम में गयी थी। वहीं उसकी मुलाकात धीरेंद्र से हुई। धीरेंद्र भी शादीशुदा हैं और उनके तीन बच्चे हैं। समारोह में दोनों ने बातचीत के दौरान एक दूसरे को अपने मोबाइल नम्बर दिए। उनकी महीनों फोन पर बात चलती रही और एक दिन महिला अपने पति का घर छोड़कर धीरेंद्र के साथ रहने लगी।
दूसरे पति के साथ ही रहना चाहती है महिला
महिला और प्रेमी जब बाजार में एक साथ पहुंचे तो इसकी जानकारी बब्लू कुमार को हुई और वह भी वहां पहुंच गया और तीनों के बीच घंटो हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। सैकड़ों स्थानीय लोग जुट गए। किसी ने पुलिस को इस विवाद के बारे में जानकारी दी। तब पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास कर मामला सुलझाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरती शादीशुदा है और वह बिना तलाक के दूसरे पति के साथ रहना चाहती है। चार महीने पहले वह फरार हो गयी थी। वह पहले पति के साथ नहीं रहना चाहती है। सभी पक्षों को बुलाकर समझाने का प्रयास किया जा रहा है।