बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा चल रही है। नवादा की रहने वाली एक छात्रा की मॉं की मौत सुबह हो गयी। पर उसने हिम्मत नहीं हारी और मॉं का अंतिम संस्कार होने के बाद दोपहर एक बजे मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुई।
नवादा। बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा चल रही है। इस दौरान एक बहुत ही भावुक कर देने वाला वाकया सामने आया है। नवादा की रहने वाली एक छात्रा की मॉं की मौत सुबह हो गयी। पर उसने हिम्मत नहीं हारी और मॉं का अंतिम संस्कार होने के बाद दोपहर एक बजे मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुई। जिसने भी यह खबर सुनी। वह छात्रा के जज्बे की तारीफ करने लगा। छात्रा के पिता का भी कहना है कि उनकी बिटिया की जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम है।
सहेलियों और रिश्तेदारों ने दी हिम्मत
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नवादा सदर प्रखंड के ओरैना गांव के रहने वाले गोरेलाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उनकी पत्नी लालमुनी देवी का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। उनकी बेटी काजल कुमारी की मैट्रिक की परीक्षा भी शुक्रवार को ही थी। मॉं की मौत के बाद वह सदमें में आ गयी और उसकी हिम्मत जवाब दे रही थी। वह परीक्षा में नहीं शामिल होने की बात कर रही थी। पर उसकी सहेलियों और रिश्तेदारों ने उसे समझाया, हौसला बढाया। तब काजल परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयार हुई।
अंतिम संस्कार के बाद पहुंची परीक्षा केंद्र
काजल दोपहर एक बजे नवीनगर के जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र पहुंची। जब यह बात वहां मौजूद वीक्षक और शिक्षकों को पता चली तो उन्होंने भी काजल के हिम्मत की तारीफ की।
चंदा जुटाकर किया अंतिम संस्कार
काजल के पिता गोरेलाल ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। पत्नी की मौत के बाद उन्हें भी अपनी बेटी काजल के परीक्षा की चिंता परेशान करने लगी थी। ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। शव का अंतिम संस्कार भी चंदा जुटाकर किया गया। अंतिम संस्कार के बाद वह गांव की कुछ लड़कियों के साथ अपनी बेटी को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंचे। कहते हैं कि गरीबी सबसे बड़ा अभिशाप है। उसी प्रचंड गरीबी के बीच दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, फिर भी काजल ने हिम्मत नहीं हारी।