पटना में मुख्यमंत्री निवास में महागठबंधन की महाबैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में शामिल हुए करीब 15 पार्टियों के नेताओं का उद्देशय था कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ना। साथ ही पीएम मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनने देना है।
पटना. शक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पटना में चल रही महागठबंधन की महाबैठक खत्म हो गई है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के आह्वन पर हुई यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। जिसमें 15 पार्टियों के 22 नेता मौजूद रहे। इस दौरान कई नेताओं का मनमुटाव भी सामने आया।
'अध्यादेश मामले पर बीजेपी और कांग्रेस में डील'
दरअसल, पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक शुर होने से पहले आम आदमी पार्टी नेताओं का बयान सामने आया। उन्होंने कहा- कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रही है। आप नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश के मामले पर बीजेपी और कांग्रेस में डील हुई है। बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अध्यादेश को लेकर अपील की है। इतना ही नहीं दोनों ने सभी विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन करने को कहा है।
AAP-कांग्रेस के मनमुटाव पर उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने की अपील
बैठक में कांग्रेस और आप के बीच मुनमुटाव भी दिखाई दिया। इस मनमुटाव को दूर करने के लिए एनसीपी चीफ शरद पवार और उद्धव ठाकरे आगे आए उन्होंने दोनों दलों के नेताओं को समझाइश देते हुए कहा कि यह समय आपसी मनमुटाव का नहीं है। जरूरी है कि हमें मिलकर आगे आना होगा। वो समय गया, अभी तक हम पिछले 25 वर्षों से एक-दूसरे की आलोचना कर रहे थे। लेकिन अब यह सब छोड़िए। मतभेद भुलाकर एक साथ आएंगे तभी हम कुछ कर पाएंगे।