बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू लीडर गुलाम रसूल बलियावी की सेना में मुसलमानों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि कुछ लोगों को बहुत कुछ बोलने की हैबिट होती है। वह इस पर जवाब मांगेंगे।
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू लीडर गुलाम रसूल बलियावी की सेना में मुसलमानों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि कुछ लोगों को बहुत कुछ बोलने की हैबिट होती है। वह इस पर जवाब मांगेंगे। रसूल ने बीते दिनों नवादा में आयोजित एक सभा में सेना के साथ बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण पर भी सवाल उठाए थे। उसके बाद सियासी बवाल मच गया था। रसूल के बयानों को लेकर बीजेपी, नीतीश सरकार पर हमलावर है।
पार्टी सेना का सम्मान करती है
फिलहाल, रसूल गुलाम के बयान से जेडीयू ने भी पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने इस मसले पर पार्टी की राय स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी सेना का हमेशा सम्मान करती है। अब सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि वह गुलाम रसूल से पूछेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
दिया था ये बयान
दो दिन पहले गुलाम ने नवादा में आयोजित एक सभा में कहा था कि यदि पीएम नरेंद्र मोदी आतंकवादियों से निपटने से डरते हैं तो सेना में 30 प्रतिशत मुसलमानों को भर्ती करना चाहिए। जब पाकिस्तान ने मिसाइलें बनाकर भारत को आतंकित किया, तो एक मुस्लिम बेटे एपीजे अब्दुल कलाम आगे आए थे।
बाबा रामदेव व धीरेंद्र शास्त्री पर उठाए थे सवाल
गुलाम रसूल बलियावी ने बाबा रामदेव पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा था कि उनकी जांच होनी चाहिए कि उन्होंने इतनी संपत्ति कैसे हासिल की। बलियावी ने पतंजलि के उत्पादों को लेकर भी बयान दिया था। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बहुरूपिया बताते हुए कहा था कि मुझे नहीं पता कि यह आदमी कौन है, हम देश के संविधान व अदालत को जानते हैं। कोई भी कपड़े और मेकअप करके गुमराह नहीं कर सकता है।बीजेपी ने गुलाम रसूल बलियावी के बयानों पर आपत्ति जताते हुए, इसे सनातन धर्म और सेना का अपमान करार दिया था।