राजधानी में एक निजी कॉलेज की छात्राएं असलहों से लैस पुलिस बल के साए में पढाई कर रही है। इसकी वजह मनचलों का खौफ है। बीते दिनों कॉलेज की बस में छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया था।
पटना। राजधानी में एक निजी कॉलेज की छात्राएं असलहों से लैस पुलिस बल के साए में पढाई कर रही है। इसकी वजह मनचलों का खौफ है। बीते दिनों कॉलेज की बस में छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। बदमाशों ने परिसर के अंदर भी छात्राओं, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी। उसी समय से 80 फीसदी छात्राओं ने कॉलेज आना छोड़ दिया है। कॉलेज प्रबंधन की पुलिस से शिकायत के बाद निगरानी के लिए परिसर के बाहर और अंदर, एके-56 और इंसास राइफलों से लैस पुलिस बल तैनात किया गया है।
डरी सहमी कॉलेज आ रही छात्राएं
राजधानी के मनेर थाना क्षेत्र के छितनावा इलाके में स्थित निजी पारा मेडिकल कालेज की छात्राओं के मन में मनचलों का ऐसा खौफ है कि वह अभी भी डरी-सहमी कॉलेज आती हैं। एक छात्रा ने बताया कि बीते दिनों मनचलों ने लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया। इसकी वजह से अभिभावक भी डरे हुए हैं। वह अपनी लड़कियों को पढने के लिए कॉलेज भेजने से इंकार कर रहे हैं।
छात्राओं के मन में मनचलों का खौफ
छात्रा का कहना है कि उस दिन, जिन छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ, वह भी भय की वजह से कॉलेज नहीं आ रही हैं। लड़कियोंं को छेड़ने वाले कॉलेज परिसर में घुसकर भी छेड़खानी व अभद्र व्यवहार करते थे। जब से पुलिस फोर्स यहां तैनात है। तब से डर थोड़ा कम हुआ है और हम लोग फिर से कॉलेज आ रहे हैं।
सुरक्षित माहौल नहीं होने की वजह से पढाई हो रही बाधित
बहरहाल, कालेज परिसर में एके-56 और इंसास राइफलों से लैस जवान निगरानी में लगे हैं। कॉलेज परिसर के बाहर और अंदर पुलिस के जवान तैनात हैं। छात्राओं का कहना है कि जिले के एसएसपी से लेकर डीजीपी तक उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगायी। पर अभी तक उन्हें सुरक्षित माहौल नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से उनकी पढाई बाधित हो रही है।
आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर
छात्राओं को ट्रेनिंग देने के लिए अन्य प्रदेशों से आयी शिक्षिकाएं भी डरी हुई हैं। उनका कहना है कि जब तक पुलिस आरोपियों को अरेस्ट नहीं करती है, तब तक यह डर बना रहेगा। उधर आरोपी भी अब तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं। कॉलेज के प्रबंधक कौशल किशोर कहते हैं कि छात्राओं को भय मुक्त पढ़ाई देने का प्रयास जारी है। पुलिस से शिकायत के बाद थोड़ी सुरक्षा प्राप्त हुई है, पर सुरक्षा की और जरुरत है। यदि हालात ऐसे ही बने रहें, तो कॉलेज बंद करना पड़ सकता है।