बिहार के मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है। अब बिहार के प्राइवेट मेडिकल कालेजो की आधी सीटों पर सरकारी फीस पर पढाई होगी। नीतीश कैबिनेट ने शुक्रवार को यह निर्णण लिया।
पटना। बिहार के मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है। अब बिहार के प्राइवेट मेडिकल कालेजो की आधी सीटों पर सरकारी फीस पर पढाई होगी। नीतीश कैबिनेट ने शुक्रवार को यह निर्णय लिया। इससे राज्य में मेडिकल की पढाई के इच्छुक आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा। कैबिनेट की बैठक में 28 एजेंडों को हरी झंडी दी गई है। दिव्यांग बच्चों को पढाने के लिए 270 टीचर्स की भी नियुक्ति होगी।
नामांकन एवं अन्य फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के अनुरुप
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले से मेडिकल स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलेगी। तय किया गया है कि प्रदेश के सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालय के 50 फीसदी सीटों पर यह निर्णय लागू होगा। निर्णय के मुताबिक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर सीटों पर नामांकन एवं अन्य फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के अनुरुप होगा।
खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी का रास्ता भी साफ
प्रदेश में अव्वल प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी का रास्ता भी साफ हो गया है। ऐसे खिलाड़ियों को एसडीओ और डीएसपी स्तर के पदों पर सीधी नियुक्ति दी जाएगी। शर्त यह है कि ऐसे खिलाड़ियों को समकक्ष शैक्षणिक योग्यता लेना अनिवार्य होगा। जरुरी शैक्षणिक योग्यता उन्हें पांच साल के अंदर प्राप्त करनी होगी।
विधानसभा में भी उठ चुका है मुद्दा
मार्च 2022 में एमबीबीएस की महंगी पढाई का मुद्दा विधानसभा में भी उठा था। जदूय के डा. संजीव कुमार सहित 20 विधायकों ने यह मसला उठाया था। इस मुद्दे को यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए विद्यार्थियों के संदर्भ से जोड़ा गया था। आपको बता दें कि बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या कम है। इसकी वजह से राज्य के हजारो स्टूडेंट्स डाक्टरी की पढाई के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों का रूख करते हैं। नामांकन के लिए हर साल 12 लाख और हॉस्टल के लिए तीन लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं।