उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने के बाद से ही बिहार की राजनीति में घमासान मचा है। उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी यादव को नेतृत्व सौंपने के बयान पर सवाल उठाए थे। उधर सियासी गलियारों में राजद से हुई डील पर भी चर्चा चल रही है।
पटना। उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने के बाद से ही बिहार की राजनीति में घमासान मचा है। उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी यादव को नेतृत्व सौंपने के बयान पर सवाल उठाए थे। उधर सियासी गलियारों में राजद से हुई डील पर भी चर्चा चल रही है। तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर राजद नेता विजय मंडल का बयान भी काफी सुर्खियो में रहा। तेजस्वी ने इस पर पहली बार अपनी प्रतिक्रया दी है। उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री बनने की किसी जल्दबाजी में नही हैं।
सब एक मकसद के साथ काम कर रहे हैं
तेजस्वी यादव ने कहा कि मीडिया में जो चीजें चल रही हैं। महागठबंधन में ऐसी कोई बात नहीं है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हम सब लोग एक ही मकसद के साथ काम कर रहे हैं कि 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करना है। सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है। इसलिए मुझे कोई जल्बाजी नहीं है, कहीं कोई भ्रम नहीं है।
ललन सिंह के बयान पर कहा-गलत क्या है
जदूय के अध्यक्ष ललन सिंह के बयान पर सोमवार को कंट्रोवर्सी हो गयी थी। नीतीश कुमार और ललन सिंह के विरोधाभासी बयानों पर सवाल उठ रहे थे। तेजस्वी ने इस मुददे पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि ललन सिंह कहते हैं कि 2025 में सीएम कौन होगा, इसका चुनाव अभी नहीं हुआ है। इसमें गलत क्या है। 2025 चुनाव तो दूर है। अभी सीएम नीतीश कुमार में क्षमता है। हम भी यही बात कह रहे हैं।
सभी पिता चाहते हैं कि उनका बेटा तरक्की करे
उधर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को सीएम बनाना चाहते हैं, इस पर तेजस्वी ने कहा कि सभी पिता चाहते हैं कि उनका बेटा तरक्की करे। हर पिता चाहता है कि उसके बेटे को अच्छा पद मिले। ऐसे में यदि वह कह रहे हैं तो गलत क्या है। पूर्व सीएम मांझी ने कहा था कि संतोष पढा लिखा है। हम भी अपने बेटे को मुख्यमंत्री के रूप में प्रेषित करते हैं।दरअसल, तेजस्वी यादव जहानाबाद पहुंचे थे। उन्होंने वाणावर पहाड़ों की तलहटी के बीच पर्यटन विभाग की ओर से बनाए जा रहे रोपवे कार्यों का निरीक्षण किया।