
Pipra Assembly Election 2025: पिपरा विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी के श्याम बाबू प्रसाद यादव जीत गए हैं। उन्हें 110422 वोट मिले। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राजमंगल प्रसाद को 10745 वोटों से हराया। पिपरा विधानसभा चुनाव 2025 (Pipra Assembly Election 2025) बिहार की सबसे अहम सीटों में से एक है। यह सीट पूर्वी चंपारण जिले में आती है और यहां का राजनीतिक इतिहास हमेशा दिलचस्प रहा है। पिपरा सीट पर जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे, विकास कार्य और उम्मीदवारों की पकड़ चुनावी परिणाम तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। पिछले दो चुनावों (2015 और 2020) से भाजपा (BJP) का दबदबा रहा है। 2015 में यहां से श्यामबाबू प्रसाद यादव (BJP) ने जीत दर्ज की थी और 2020 में भी उन्होंने लगातार दूसरी बार सीट अपने नाम की।
2010 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार अवधेश कुशवाहा ने 40,099 वोट पाकर जीत दर्ज की। उन्होंने राजद उम्मीदवार सुबोध प्रसाद को 11,887 वोटों से हराया। उस समय नीतीश कुमार की लहर और विकास का मुद्दा चुनावी सफलता का बड़ा कारण बना।
2015 में पिपरा की जनता ने बदलाव किया और भाजपा (BJP) के श्यामबाबू यादव ने जदयू उम्मीदवार कृष्ण चंद्र को 3,930 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। बीजेपी को 65,552 वोट मिले, जबकि जदयू को 61,622 वोट मिले। यह मुकाबला बेहद कांटे का रहा।
2020 में फिर से बीजेपी उम्मीदवार श्यामबाबू यादव ने जीत हासिल की। उन्होंने CPI उम्मीदवार राजमंगल प्रसाद को 8,177 वोटों से हराया। बीजेपी को 88,587 वोट मिले, जबकि CPI को 80,410 वोट मिले। 12वीं पास श्यामबाबू यादव पर दो आपराधिक मुकदमे हैं। उनके पास कुल 1.33 करोड़ रूपए की चल-अचल संपत्ति है।
पिपरा सीट पर यादव, कुशवाहा, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भाजपा का आधार यादव और ऊपरी जातियों में मजबूत है, वहीं महागठबंधन का वोट बैंक पिछड़े वर्ग और मुस्लिम मतदाता हैं। विकास कार्य, सड़क और रोजगार के मुद्दे 2025 के चुनाव में अहम रहेंगे।
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