
Riga Assembly Election 2025: रीगा विधानसभा (Riga Assembly Seat) पर जीते बीजेपी से बैद्यनाथ प्रसाद। 1 लाख से अधिक वोट लाकर मारी बाजी।
साल 2010 में बीजेपी उम्मीदवार मोतीलाल प्रसाद ने कांग्रेस के अमित कुमार को 22,327 वोटों के अंतर से हराया था। इस जीत का श्रेय नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन की लोकप्रियता को दिया गया। उस वक्त मोतीलाल को 48,633 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 26,306 वोट।
2015 में महागठबंधन की लहर चली और कांग्रेस के अमित कुमार ने बाजी पलट दी। इस चुनाव में उन्हें 79,217 वोट मिले और बीजेपी उम्मीदवार मोतीलाल प्रसाद 56,361 वोटों पर सिमट गए। जीत का अंतर 22,856 वोट रहा। यह चुनाव साफ संकेत था कि गठबंधन का असर यहां गहरा पड़ा।
2020 में बीजेपी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। मोतीलाल प्रसाद ने कांग्रेस प्रत्याशी अमित कुमार को 32,495 वोटों के अंतर से हराया। उन्हें 95,226 वोट मिले जबकि कांग्रेस को केवल 62,731 वोट। यह नतीजा बीजेपी के पक्ष में बड़ा मोड़ साबित हुआ और इस सीट पर पार्टी का दबदबा और मजबूत हो गया।
रीगा विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। यादव, कुशवाहा, भूमिहार और अनुसूचित जाति समुदाय यहां निर्णायक वोटर हैं। बीजेपी को 2020 में पिछड़े वर्ग और युवा वोटरों का बड़ा समर्थन मिला, जबकि कांग्रेस की पकड़ कमजोर पड़ती दिखी।
मोतीलाल प्रसाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और 2020 में नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान उन्हें कला, संस्कृति और युवा मंत्री बनाया गया। उनकी शिक्षा 12 वीं तक और संपत्ति 1.10 करोड़ रुपए की है, लेकिन वे पार्टी संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता माने जाते हैं। उनके खिलाफ 4 आपराधिक मामलों की जानकारी सामने आई है। उनकी साफ-सुथरी छवि ने भी वोटरों को प्रभावित किया।
2025 का चुनाव रहस्यमयी बन गया है। क्या बीजेपी अपने दबदबे को और मजबूत करेगी या कांग्रेस फिर कोई चौंकाने वाला उलटफेर करेगी? जातीय समीकरण और गठबंधन की रणनीति इस बार भी निर्णायक साबित होंगे।
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