
पटनाः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल की सभा से पहले नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव ने देर रात पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में 20 वर्षों की NDA सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की भयंकर विफलताओं को उजागर किया।
तेजस्वी यादव ने बताया कि GMCH, जिसे मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिला है, वहां ICU तक मौजूद नहीं है। ट्रॉमा सेंटर बंद है और कार्डियोलॉजी विभाग यानी हृदय रोग विभाग ही नहीं है। एक ही बेड पर तीन-तीन मरीज रखे जा रहे हैं, जबकि मरीजों की बेडशीट 15-20 दिन में ही बदलती है। उनके अनुसार, अस्पताल की साफ़-सफाई बेहद खराब है। हड्डी रोग और विकलांग शल्य चिकित्सा से जुड़े मरीजों के लिए शौचालय दो फीट ऊँचा बनाया गया है, जिससे मरीजों को चलने में भी कठिनाई होती है।
मानव संसाधन की कमी अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या है। मेडिकल कॉलेज में 255 नर्सों के लिए केवल 55 नर्स ही कार्यरत हैं, और तीन शिफ्ट में काम करने के कारण एक समय में केवल 18 नर्स ही ड्यूटी पर रहती हैं। अगर कोई छुट्टी पर हो तो इस संख्या और भी कम हो जाती है। वहीं, 80% चिकित्सकों के पद रिक्त हैं और पूरे अस्पताल में केवल चार OT सहायक उपलब्ध हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा, “सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, लैब तकनीशियन, ड्रेसर और अन्य स्टाफ की कमी के कारण प्रतिदिन लगभग 10,000 मरीज निजी अस्पतालों में जा रहे हैं। एनडीए सरकार के भ्रष्ट मंत्री और अधिकारी सिर्फ बिल्डिंग बनाने और उपकरण खरीदने में करोड़ों खर्च कर रहे हैं, लेकिन उनका संचालन करने के लिए टेक्निशियन और कर्मचारी नियुक्त नहीं किए जा रहे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 23 विभागों में से कई विभाग पूरी तरह बंद हैं, प्रोफेसर और सहायक प्रीफ़ेसर केवल नाम के लिए हैं, और मेडिकल इंटरन्स को छह महीनों से वेतन नहीं मिला है।
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को चेताया कि उन्हें पूर्णिया आने से पहले यह स्थिति अवश्य देखनी चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी, बिहार की जनता को यह जानने का अधिकार है कि 20 वर्षों की NDA सरकार और केंद्र की 11 सालों की डबल इंजन सरकार के शासन में स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था किस हद तक विफल रही है। जनता के सामने केवल जुमलों और भाषणों का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।”
तेजस्वी यादव ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को 2005 के बाद के मुख्यमंत्री को भी साथ लेकर इस मेडिकल कॉलेज का दौरा करना चाहिए, ताकि जनता को पूरी सच्चाई दिखाई जा सके। उन्होंने चेताया, “अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोग कहेंगे कि 2005 से पहले बिहार में स्वास्थ्य और प्रशासनिक व्यवस्था कैसी थी, यह किसी को पता ही नहीं।”
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