बिहार मंदिर: बिहार में कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं. कुछ मंदिरों का इतिहास रामायण और महाभारत के समय से जुड़ा है. इस लेख के जरीए हम जानेंगे कि बिहार के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में, जहां साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. बिहार अपने समृद्ध इतिहास के लिए विषेश रुप से जाना जाता है. वैसे तो बिहार में कई मंदिर हैं, लेकिन हम आपको पांच ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे जो बेहद प्रसिद्ध हैं. इन मंदिरों से पौराणिक मान्यताएं और रोचक इतिहास भी जुड़ा हुआ है. यही वजह है कि साल भर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
विष्णुपद मंदिर बिहार के गया जिले में फल्गु नदी के तट पर स्थित है. यह मंदिर अपनी भव्यता और वैभव के लिए प्रसिद्ध है. विष्णुपद मंदिर ठोस चट्टानों से बना है और यहां विष्णुजी का 40 सेंटीमीटर लंबा पदचिह्न भी है, जिसमें शंकम, चक्रम और गधम समेत 9 चिह्न बने हैं. इस मंदिर में साल भर भीड़ लगी रहती है. लेकिन खास तौर पर श्राद्धपक्ष के दौरान यहां काफी भीड़ देखने को मिलती है।
बिहार के सीतामढ़ी शहर से पांच किलोमीटर की दूरी पर जानकी मंदिर स्थित है। सीतामढ़ी को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है। यहां जानकी कुंड नाम का एक सरोवर भी है। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है।
बिहार के गया में महाबोधि मंदिर है। यह मंदिर निरंजना नदी के तट पर स्थित है, जिसे बौद्ध धर्म के लोगों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है। यहां मुख्य मंदिर के साथ एक बोधि वृक्ष भी है। मान्यता है कि भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
बिहार की राजधानी पटना में एक प्राचीन महावीर मंदिर है। इस मंदिर को लेकर काफी आस्था और भक्ति है और लोग दूर-दूर से यहां दर्शन के लिए आते हैं।
मंगला गौरी का प्रसिद्ध मंदिर भी बिहार के पवित्र शहर गया में स्थित है। यहां श्रद्धालु मां मंगला गौरी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसे भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां सती के शरीर का एक हिस्सा गिरा था।
ये भी पढे़ं-
लालू ने लिट्टी खाने के लिए रुकवाया काफिला, साथ में मंगाई हरी मिर्च...