
रायपुर, 11 सितम्बर 2025। बस्तर आज बदलते हुए भारत का प्रतीक बन चुका है। जो क्षेत्र कभी उपेक्षा और अभाव से जूझता था, वही अब निवेश, अवसर और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है। यहाँ उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन जैसे सभी क्षेत्रों में विकास की गूंज सुनाई दे रही है। यह बदलाव न केवल बस्तर की तस्वीर बदल रहा है बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की राह बना रहा है।
सरकार ने बस्तर के विकास के लिए ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
ये परियोजनाएं पर्यटन, व्यापार और यात्रा को आसान बनाएँगी और युवाओं के लिए रोजगार तथा उद्योग के नए मौके लेकर आएँगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से नक्सलवाद उन्मूलन को भी मजबूती मिलेगी और बस्तर एक विश्वसनीय निवेश केंद्र बनेगा।
इसके अलावा, ₹2,300 करोड़ की सड़क परियोजनाएँ भी स्वीकृत हुई हैं। धमतरी–कांकेर–कोंडागांव–जगदलपुर मार्ग का नया वैकल्पिक रास्ता अबूझमाड़ होकर दंतेवाड़ा और बीजापुर तक बनेगा। इससे जिले आपस में और आसानी से जुड़ेंगे और शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा सेवाओं की पहुँच और बेहतर होगी।
ये निवेश बस्तर की आधारभूत संरचना को मजबूत बना रहे हैं और क्षेत्र को उद्योग व सेवाओं का केंद्र बना रहे हैं।
यह भी पढ़ें
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को मिला बस्तर दशहरा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता
बड़े सार्वजनिक निवेश के साथ-साथ ₹1,000 करोड़ का निजी निवेश भी बस्तर में किया जा रहा है। इसमें सेवा क्षेत्र और एमएसएमई (MSME) शामिल हैं। कुल मिलाकर अब तक ₹52,000 करोड़ की निवेश प्रतिबद्धता सामने आई है, जो रोजगार और सामाजिक-आर्थिक बदलाव की बड़ी संभावना है।
बस्तर में पहली बार निजी स्वास्थ्य सुविधाओं का बड़ा विस्तार हो रहा है।
ये अस्पताल आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा को नई ऊँचाई देंगे और युवाओं को रोजगार भी देंगे।
बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव में राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित हो रही हैं। नारायणपुर में पार्श्वा एग्रीटेक हर साल 2,400 टन परबॉयल्ड चावल का उत्पादन करेगी (₹8 करोड़ निवेश)। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
यह बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर लाएगा।
बस्तर डेयरी फार्म प्रा. लि.: ₹5.62 करोड़ निवेश। इससे दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
यह भी पढ़ें
सीएम विष्णु देव साय ने दिखाई सूर्य रथ को हरी झंडी, बोले- ऊर्जा दाता बन रहे प्रदेश के लोग
पीएमएफएमई योजना के तहत कांकेर, बस्तर और कोंडागांव में उद्यमियों को कुल ₹49.50 लाख की सहायता दी गई। पीएमईजीपी योजना से विभिन्न उद्यमियों को ₹94.50 लाख का अनुदान मिला। ये योजनाएं स्थानीय उद्यमिता और रोजगार को बढ़ावा दे रही हैं।
पिछले 20 महीनों में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के 100 से अधिक स्थानों का दौरा किया है।
राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता की खरीदी दर ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति बोरा कर दी है। इससे बस्तर के 52 लाख संग्राहक (13 लाख परिवार) सीधे लाभान्वित होंगे।
नई नीति ने बस्तर को निवेश और नवाचार का हब बना दिया है।
लगभग ₹52,000 करोड़ के निवेश, नई औद्योगिक नीति, बेहतर कनेक्टिविटी और नक्सल उन्मूलन की सफलता ने बस्तर को समृद्धि, सुरक्षा और समावेशी विकास का प्रतीक बना दिया है। अब बस्तर सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए “निवेश और अवसर का नया गंतव्य” बन रहा है।
छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाएं, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स, नक्सल क्षेत्र समाचार और स्थानीय विकास रिपोर्ट्स पढ़ें। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर क्षेत्र की खबरों के लिए Chhattisgarh News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — सबसे विश्वसनीय राज्य कवरेज यहीं।