बस्तर विकास 2025: ₹52,000 करोड़ निवेश, नई रेल-सड़क परियोजनाएं और औद्योगिक अवसर

Published : Sep 11, 2025, 10:56 PM IST
bastar development rail road project 2025 CM Vishnu Deo Sai

सार

बस्तर विकास 2025: बस्तर अब उपेक्षा नहीं, बल्कि विकास और निवेश का नया हब बन चुका है। ₹52,000 करोड़ निवेश, रेल-सड़क परियोजनाएं, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन और MSME से बस्तर बन रहा है छत्तीसगढ़ का आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन केंद्र।

रायपुर, 11 सितम्बर 2025। बस्तर आज बदलते हुए भारत का प्रतीक बन चुका है। जो क्षेत्र कभी उपेक्षा और अभाव से जूझता था, वही अब निवेश, अवसर और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है। यहाँ उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन जैसे सभी क्षेत्रों में विकास की गूंज सुनाई दे रही है। यह बदलाव न केवल बस्तर की तस्वीर बदल रहा है बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की राह बना रहा है।

रेल-सड़क परियोजनाएं: विकास की नई रफ्तार

सरकार ने बस्तर के विकास के लिए ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

  • रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन – ₹3,513.11 करोड़
  • केके रेल लाइन (कोत्तवलसा-किरंदुल) का दोहरीकरण

ये परियोजनाएं पर्यटन, व्यापार और यात्रा को आसान बनाएँगी और युवाओं के लिए रोजगार तथा उद्योग के नए मौके लेकर आएँगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से नक्सलवाद उन्मूलन को भी मजबूती मिलेगी और बस्तर एक विश्वसनीय निवेश केंद्र बनेगा।

इसके अलावा, ₹2,300 करोड़ की सड़क परियोजनाएँ भी स्वीकृत हुई हैं। धमतरी–कांकेर–कोंडागांव–जगदलपुर मार्ग का नया वैकल्पिक रास्ता अबूझमाड़ होकर दंतेवाड़ा और बीजापुर तक बनेगा। इससे जिले आपस में और आसानी से जुड़ेंगे और शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा सेवाओं की पहुँच और बेहतर होगी।

बड़े सार्वजनिक निवेश: मजबूत आधारभूत संरचना

  • NMDC: ₹43,000 करोड़ निवेश
  • सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल: ₹200 करोड़ निवेश

ये निवेश बस्तर की आधारभूत संरचना को मजबूत बना रहे हैं और क्षेत्र को उद्योग व सेवाओं का केंद्र बना रहे हैं।

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निजी निवेश और MSME का विकास

बड़े सार्वजनिक निवेश के साथ-साथ ₹1,000 करोड़ का निजी निवेश भी बस्तर में किया जा रहा है। इसमें सेवा क्षेत्र और एमएसएमई (MSME) शामिल हैं। कुल मिलाकर अब तक ₹52,000 करोड़ की निवेश प्रतिबद्धता सामने आई है, जो रोजगार और सामाजिक-आर्थिक बदलाव की बड़ी संभावना है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति

बस्तर में पहली बार निजी स्वास्थ्य सुविधाओं का बड़ा विस्तार हो रहा है।

  • जगदलपुर में 350 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज- ₹550 करोड़ निवेश, 200 रोजगार अवसर
  • एक और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल- ₹33 करोड़ निवेश
  • नवभारत इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का 200 बेड अस्पताल- ₹85 करोड़ निवेश

ये अस्पताल आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा को नई ऊँचाई देंगे और युवाओं को रोजगार भी देंगे।

कृषि और खाद्य प्रसंस्करण

बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव में राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित हो रही हैं। नारायणपुर में पार्श्वा एग्रीटेक हर साल 2,400 टन परबॉयल्ड चावल का उत्पादन करेगी (₹8 करोड़ निवेश)। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।

वेलनेस और पर्यटन उद्योग

  • नमन क्लब एंड वेलनेस सेंटर, जगदलपुर: ₹7.65 करोड़ निवेश, 30 रोजगार
  • एएस बिल्डर्स एंड ट्रेडर्स और सेलिब्रेशन रिजॉर्ट्स एंड होटल्स: पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में निवेश

यह बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर लाएगा।

डेयरी और कृषि आधारित उद्योग

बस्तर डेयरी फार्म प्रा. लि.: ₹5.62 करोड़ निवेश। इससे दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

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निर्माण, उद्योग और वेयरहाउसिंग

  • ईंट और स्टोन क्रशर इकाइयां: पीएस ब्रिक्स और महावीर माइन्स एंड मिनरल्स
  • वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज: कांकेर, भानुप्रतापपुर और कोंडागांव में
  • दंतेश्वरी कोल्ड स्टोरेज: किसानों की उपज सुरक्षित रखने और बर्बादी घटाने में मददगार

वुड, फर्नीचर और मशीनरी

  • मां दंतेश्वरी वेनियर्स और अली फर्नीचर: पारंपरिक कारीगरी को आधुनिक बाजारों से जोड़ेंगी।
  • शंकरा लेटेक्स इंडस्ट्रीज: ₹40 करोड़ निवेश, सर्जिकल ग्लव्स निर्माण, 150 रोजगार अवसर

पीएमएफएमई और पीएमईजीपी योजनाएं

पीएमएफएमई योजना के तहत कांकेर, बस्तर और कोंडागांव में उद्यमियों को कुल ₹49.50 लाख की सहायता दी गई। पीएमईजीपी योजना से विभिन्न उद्यमियों को ₹94.50 लाख का अनुदान मिला। ये योजनाएं स्थानीय उद्यमिता और रोजगार को बढ़ावा दे रही हैं।

औद्योगिक नीति और नए अवसर

  • कांकेर में वेयरहाउस हेतु ₹90 लाख की स्वीकृति
  • स्टील प्लांट के पास सीमेंट प्लांट, मशीन व फैब्रिकेशन शॉप्स, पंप रिपेयर यूनिट्स की संभावनाएं
  • लोहा और इस्पात से जुड़े पिग आयरन, TMT बार, एंगल/चैनल, वायर रॉड्स और ब्राइट बार उत्पादन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के 100+ दौरे: विश्वास और विकास

पिछले 20 महीनों में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के 100 से अधिक स्थानों का दौरा किया है।

  • “नियद नेल्ला नार योजना” से सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार की सुविधाएँ दूरस्थ इलाकों तक पहुँचीं।
  • अब तक 54 सुरक्षा शिविर, 635 मोबाइल टॉवर, 21 सड़कें, 9 उप-स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए।
  • 28 गांवों में पहली बार बैंक खुले और 50+ बंद स्कूल फिर से शुरू हुए।

नई पुनर्वास नीति: आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए नई राह

  • 3 साल तक ₹10,000 मासिक सहायता
  • शहरी क्षेत्रों में प्लॉट या ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हेक्टेयर जमीन
  • व्यावसायिक प्रशिक्षण और पूरी इनामी राशि
  • सामूहिक आत्मसमर्पण पर दुगुना इनाम
  • नक्सल-मुक्त गांवों के लिए ₹1 करोड़ की योजनाएं

मोदी की गारंटी: तेंदूपत्ता संग्राहकों को फायदा

राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता की खरीदी दर ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति बोरा कर दी है। इससे बस्तर के 52 लाख संग्राहक (13 लाख परिवार) सीधे लाभान्वित होंगे।

कौशल विकास और युवाओं को अवसर

  • 90,273 युवाओं को प्रशिक्षण
  • इनमें से 39,137 युवाओं को रोजगार मिला
  • 2024–25 में IT, ऑटोमोबाइल, कंस्ट्रक्शन और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में 3,296 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

नक्सल उन्मूलन में सफलता

  • दिसंबर 2023 से अब तक: 453 नक्सली मारे गए, 1,611 गिरफ्तार, 1,636 आत्मसमर्पण
  • 65+ नए सुरक्षा शिविर स्थापित
  • सड़क, पुल और मोबाइल नेटवर्क ने इस अभियान को और मजबूत किया।
  • लक्ष्य: मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन।

छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024–30

नई नीति ने बस्तर को निवेश और नवाचार का हब बना दिया है।

  • 1000 करोड़ से अधिक निवेश या 1000+ रोजगार वाली परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन
  • प्राथमिकता सेक्टर – फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, IT, डिजिटल टेक, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस-डिफेंस
  • पर्यटन को उद्योग का दर्जा – 45% तक सब्सिडी
  • SC/ST उद्यमियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त 10% सब्सिडी
  • आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को 40% वेतन सब्सिडी (5 लाख प्रतिवर्ष तक, 5 साल)

लगभग ₹52,000 करोड़ के निवेश, नई औद्योगिक नीति, बेहतर कनेक्टिविटी और नक्सल उन्मूलन की सफलता ने बस्तर को समृद्धि, सुरक्षा और समावेशी विकास का प्रतीक बना दिया है। अब बस्तर सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए “निवेश और अवसर का नया गंतव्य” बन रहा है।

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