छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने सोमवार को सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज लोग सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के साथ ही उसे बेच भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ तेजी से ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता अब ऊर्जा उत्पादक ही नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य पाने की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा के फायदों, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और इसके अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी के विषय में लोगों को जानकारी देने के उद्देश्य से सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने 618 उपभोक्ताओं के खातों में प्रत्येक को 30 हजार रुपए की दर से कुल 1.85 करोड़ रुपए की राज्यांश सब्सिडी ऑनलाइन भेजी।

विष्णु देव साय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ता प्रदूषण हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है। छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में पूरे समर्पण और क्षमता के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए आधी बिजली बिल से आगे बढ़ते हुए मुफ्त बिजली की ओर ले जाने का कार्य किया जा रहा है। यह खुशी की बात है कि प्रदेशवासी इस योजना के महत्व को समझते हुए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जनता से आग्रह है कि अपने आसपास के लोगों को भी इस योजना से जोड़ें और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रदेश को अग्रसर बनाने में योगदान दें।

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं। आने वाले समय में लोगों को पूरी तरह मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को लेटर ऑफ अवार्ड दिए गए हैं। इन योजनाओं से उपभोक्ता खुद सौर ऊर्जा का उत्पादन कर बिजली बेच रहे हैं और साथ ही सस्ती बिजली का लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं।

सीएम साय ने कहा कि 2014 में पीएम मोदी ने सौभाग्य योजना के माध्यम से हर घर बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया था। उस समय देश के 18 हजार गांव अंधेरे में थे। आज उन सभी गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है। अब देश स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1400 मेगावाट थी। आज प्रदेश 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है। पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहा है। नई उद्योग नीति के अंतर्गत ऊर्जा क्षेत्र में 3.50 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हुए हैं। आने वाले समय में प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता और भी बढ़ जाएगी।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनेगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाएं और स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष राजनांदगांव से आए क्लास 12वीं के छात्र प्रथम सोनी ने सौर ऊर्जा की विशेषताओं और शासन द्वारा इसे बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘इम्पैक्ट ऑफ डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी ऑन ग्रिड स्टेबिलिटी’ तथा ‘एग्रीवोल्टाइक्स परफार्मर हैण्डबुक’ का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन में विशेष भूमिका निभाने वाले उत्कृष्ट वेंडरों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, क्रेडा के चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, क्रेडा के सीईओ राजेश राणा, भारतीय सौर ऊर्जा महासंघ के अध्यक्ष सुमन कुमार, तीनों पॉवर कंपनी के प्रबंध निदेशक सहित बड़ी संख्या में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता उपस्थित थे।