तीजन बाई ने पंडवानी को देश-दुनिया में मशहूर किया है। पंडवानी यानी पांडववाणी छत्तीसगढ़ का एकल नाट्य है। इसका अर्थ है पांडवकथा, यानी महाभारत की कहानी का प्रस्तुतिकरण। ये कथाएं छत्तीसगढ़ की पारधी और देवार जातियों का गायन है। यह विलुप्त होने के कगार पर था, लेकिन तीजनबाई ने उसे जीवंत कर दिया।