पंडवानी को मशहूर करने वाली तीजनबाई को लकवा मारा, गांव में बुरे हाल होने की खबर सुनकर CM ने दौड़ाई हेल्थ टीम

पंडवानी की मशहूर कलाकार पद्मविभूषण तीजन बाई की तबीयत खराब है। वे भिलाई जिले के अपने छोटे-से गांव गनियारी में रह रही हैं। उनकी तबीयत खराब होने खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुरंत डॉक्टरों की एक टीम उनके घर पहुंचाई। 

Amitabh Budholiya | Published : Jul 14, 2023 5:38 AM IST / Updated: Jul 14 2023, 11:09 AM IST
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रायपुर. पंडवानी की मशहूर कलाकार पद्मविभूषण तीजन बाई की तबीयत खराब है। वे भिलाई के अपने छोटे-से गांव गनियारी में रह रही हैं। उनकी तबीयत खराब होने खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुरंत डॉक्टरों की एक टीम उनके घर पहुंचाई। तीजन बाई देश-दुनिया में ख्यात हैं। बॉलीवुड भी उनकी लोककला से प्रभावित रहा है। रणबीर कपूर से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी तक उनके प्रशंसक हैं। तीजन बाई को लकवा(paralysis) हुआ है। वे डायबिटीज, हाइपरटेंशन आदि कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। छॉलीवुड के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ सरकार से उनके इलाज की गुहार लगाई थी।

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अपने बेटे शत्रुघन पारधी की मौत के सदमे से तीजन बाई अब तक उबर नहीं पाई हैं। उनका दुर्ग के सेक्टर-9 हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। अभी वे घर पर रहकर इलाज करा रही हैं।

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तीजन बाई की हेल्थ बिगड़ने की खबर सुनकर दुर्ग सांसद विजय बघेल उनके गांव गनियारी पहुंचे थे। सांसद ने मीडिया से कहा कि तीजन बाई को कुछ दिन पहले लकवा मारा था। राइट पैर में सेंस है। हालांकि दोनों हाथ ठीक हैं।

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तीजन बाई की तबीयत खराब होने की खबर मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा औऱ स्वास्थ्य अधिकारी जिला दुर्ग डॉ. जे पी मेश्राम के निर्देश पर बीएमओ पाटन डॉ. आशीष शर्मा उनके घर पहुंच और हेल्थ चेकअप किया।

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68 वर्षीया तीजन बाई पदम् श्री पद्मभूषण और पदम् विभूषण, संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं। तीजन बाई ने 200 से अधिक छात्राओं को पंडवानी की ट्रेनिंग दी है।

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तीजन बाई ने पंडवानी को देश-दुनिया में मशहूर किया है। पंडवानी यानी पांडववाणी छत्तीसगढ़ का एकल नाट्य है। इसका अर्थ है पांडवकथा, यानी महाभारत की कहानी का प्रस्तुतिकरण। ये कथाएं छत्तीसगढ़ की पारधी और देवार जातियों का गायन है। यह विलुप्त होने के कगार पर था, लेकिन तीजनबाई ने उसे जीवंत कर दिया।

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छत्तीसगढ़ के भिलाई के गांव गनियारी में 24 अप्रैल 1956 को तीजन बाई का जन्म हुआ था। उनका जन्म प्रसिद्ध पर्व तीजा के दिन जन्म हुआ था, इसलिए मां ने नाम तीजन रखा। इनके पिता का नाम चुनुकलाल पारधी और माता का नाम सुखवती था। तीजनबाई अपने माता-पिता की पांच संतानों में सबसे बड़ी हैं।

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यह तस्वीर 2019 की है, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कला के लिए डॉ. तीजन बाई को पद्म विभूषण दिया था।

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