दिल्ली चुनाव 2025 स्पेशल रिपोर्ट: क्या केजरीवाल निभा पाएंगे वादे?

दिल्ली में फिर से चुनाव नजदीक आ रहे हैं, और पर्यावरण प्रदूषण, यमुना नदी प्रदूषण, और अधूरे वादे प्रमुख मुद्दे बन गए हैं। पिछले एक दशक के शासन में केजरीवाल द्वारा दिए गए वादे पूरे हुए हैं या नहीं, इस पर सवाल उठ रहे हैं।

डेल्ली मंजू, एशियानेट सुवर्णा न्यूज़ दिल्ली प्रतिनिधि

नई दिल्ली: खांसते शहर में फिर से चुनावी जंग शुरू हो गई है। केंद्र शासित प्रदेश से राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी, यहाँ 12 महीने झगड़ा, खांसी और प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिली है। इस बार आम आदमी पार्टी के सामने कई सवाल हैं। भाजपा के साहिब सिंह वर्मा, मदनलाल खुराना, सुषमा स्वराज और कांग्रेस से शीला दीक्षित के समय एक अलग तरह की राजनीति होती थी। लेकिन आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए।

Latest Videos

अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया, जिसे दिल्ली वालों ने देखा। एक समय पर यह अति हो गया और लोगों ने कहा कि आप का तरीका सही नहीं है। फिर भी, पिछले एक दशक से दिल्ली वालों ने केजरीवाल को सत्ता सौंपी है। लेकिन क्या केजरीवाल ने अपने वादे पूरे किए? यह सवाल इस बार आप पार्टी के सामने चुनौती बनकर खड़ा है। यही सवाल कांग्रेस और भाजपा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

खांसी और धूल कम नहीं हुई: दिल्ली को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली चीज पर्यावरण प्रदूषण यानी धूल है। दिवाली का त्यौहार जहां खुशियां लाता है, वहीं दिल्ली में कई घरों में अंधेरा छा जाता है। पटाखों का धुआं अस्थमा के मरीजों के लिए मुसीबत बन जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका कोई समाधान नहीं दिख रहा है।

हैरानी की बात यह है कि देश की समस्याओं का समाधान करने वाले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के शहर में ही इसका समाधान नहीं मिल रहा है। इसी मुद्दे पर वोट मांगने वाले केजरीवाल एक दशक बाद भी समाधान नहीं दे पाए हैं। खांसी या खांसने वाले लोग कम नहीं हुए हैं, और न ही धूल कम हुई है।

दिल्ली के लिए एक और समस्या यमुना नदी का प्रदूषण है। कभी-कभी यमुना दिल्ली पर कहर बरपाती है, लेकिन यमुना में मिलने वाले रसायनों और प्रदूषित पदार्थों से इसे साफ नहीं किया जा सकता। शोध बताते हैं कि इसका पानी पीने लायक भी नहीं है।

इसी मुद्दे पर वोट मांगने वाले केजरीवाल ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। क्रांतिकारी शिक्षा बदलाव के दावों में राम और कृष्ण के नाम दिख रहे हैं। मोहल्ला क्लीनिक कितने वोट लाएंगे, यह कहना मुश्किल है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी के नेता ही भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए हैं, यह भी दिल्ली वालों ने देखा है।

दिल्ली, बिजली, पानी, सुरक्षा सहित कई मामलों में पड़ोसी राज्यों और केंद्र पर निर्भर है। ऐसे में यहाँ चुनावी जंग शुरू हो गई है। समस्याएं और झगड़े जस के तस हैं।

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

पेशवाई का अद्भुत वीडियोः साधुओं का शंखनाद-सिर पर रुद्राश्र की पगड़ी
महाकुंभ 2025: पेशवाई के दौरान महिला विंग ने बरपाया कहर, क्या ढोल बजाया
LIVE: Chief Election Commissioner के ऑफिस पहुंचे Arvind Kejriwal ने पूछे सवाल !
महाकुंभ 2025: पेशवाई का अद्भुत VIDEO, ढोल की थाप ने रोक दी भीड़
1st टाइम देखें महाकुंभ 2025 में पेशवाई का विहंगम VIDEO, साधुओं का डांस