दिल्ली चुनाव: स्टूडेंट्स के लिए केजरीवाल कितने फायदेमंद, कितनी हो रही बचत?

Published : Feb 03, 2025, 09:33 AM IST
arvind kejriwal

सार

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल सरकार ने छात्रों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं, जिनमें मुफ़्त बस सेवा, मेट्रो किराए में छूट और किरायेदारों के लिए मुफ़्त बिजली-पानी शामिल हैं। सरकारी स्कूलों में सुधारों पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का सबसे ज्यादा जोर शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहा है. दिल्ली सरकार बजट का एक चौथाई हिस्सा सिर्फ शिक्षा पर खर्च करती है. दिल्ली के शिक्षा मॉडल की पूरी दुनिया में चर्चा है. विदेशी मेहमान जब दिल्ली आते हैं, तो दिल्ली की सरकारी स्कूल को देखकर दंग रह जाते हैं. आम आदमी पार्टी दिल्ली की शिक्षा मॉडल को अपनी बड़ी उपलब्धि मानती है. केजरीवाल दावा करते हैं कि दिल्ली में प्राइवेट स्कूल के छात्र अब सरकारी स्कूल की ओर रुख कर रहे हैं. इसको साबित करने के लिए वो आंकड़े भी सामने रखते हैं.

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के स्टूडेंट्स को खुश करने के लिए कई वादे किए हैं. इसमें प्रमुख है छात्रों को भी फ्री बस की सुविधा और दिल्ली मेट्रो के किराए में 50 फीसदी की छूट. छात्राओं के लिए तो फ्री बस सुविधा पहले से मौजूद है क्योंकि महिलाओं को फ्री बस की यहां सुविधा है, लेकिन अब केजरीवाल सरकार बनने पर छात्रों को भी ये सुविधा मिलने लगेगी. दरअसल स्कूली पढ़ाई तो मोहल्ले में या उसके आसपास उपलब्ध हो जाती है, लेकिन जब वो कॉलेज में जाते हैं, तो उन्हें घर से दूर जाना पड़ता है और इसके लिए बस, मेट्रो वगैरह के सहारे गंतव्य तक जाना होता है. अगर कोई छात्र यमुना पार के इलाके में रहता है और उसे कॉलेज के लिए नॉर्थ कैंपस जाना होता है, तो आने जाने में उन्हें रोजाना 50 से 60 रुपये बस किराये में लग जाते हैं. अगर महीने में 25 दिन कॉलेज जाना पड़े तो ये खर्चा 1250 से 1500 रुपए के बीच आता है. फ्री बस सेवा होने से छात्रों का हर महीने ये सीधी बचत है. गरीब परिवार से आने वाले छात्रों के लिए तो ये बहुत बड़ी रकम है.

आम आदमी पार्टी ने स्टूडेंट्स को मेट्रो किराये में भी 50 फीसदी की छूट का वादा किया है. इससे स्टूडेंट्स कम खर्चे पर दिल्ली के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जा सकेंगे. मेट्रो का किराया आधा करने के लिए केंद्र की सहमति जरूरी है, इसलिए केजरीवाल ने केन्द्र से गुहार लगाई है कि वो छात्रों के हित में इसे मंजूरी दे और इससे जो आर्थिक भार पड़ेगा उसका आधा हिस्सा दिल्ली सरकार वहन करेगी. मेट्रो को दिल्ली का लाइफ लाइन माना जाता है, बड़ी संख्या में छात्र मेट्रो का उपयोग करते हैं. जब उनका किराया आधा हो जाएगा तो निश्चित रूप से महीने का उन्हें 1000 से 2000 के बीच बचत होगी. जो छात्र कोचिंग के लिए घर से काफी दूर जाते हैं, उनकी बचत तो और भी ज्यादा होने वाली है.

जहां तक सरकारी स्कूलों की बात है तो पिछले 10 सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसमें कई बदलाव किए हैं. इसका असर इन स्कूलों के रिजल्ट से भी पता चल रहा है. विश्वस्तरीय स्कूलों में छात्रों के सर्वांगिण विकास पर ध्यान दिया जाता है. किताबी ज्ञान के साथ साथ खेल, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में भी स्टूडेंट्स को अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिल रहा है. दिल्ली के ऐसे 37 स्कूलों में एडमिशन के लिए मारामारी मची रहती है. प्राइवेट स्कूलों में भारी भरकम फीस देकर पढ़नेवाले स्टूडेंट्स के पैरेंट्स अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं ताकि वर्ल्ड क्लास स्कूल का फायदा भी मिले और पैसे की बचत भी हो. जिस परिवार में ऐसे दो बच्चे हैं उन्हें प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का खर्च हर महीने कम से कम 10 हजार रुपए आता है. जब ये बच्चे सरकारी स्कूल में जाने लगते हैं तो परिवार पर आर्थिक बोझ कम हो जाता है.

आम आदमी पार्टी ऐसे स्कूलों की तुलना हरियाणा और यूपी के सरकारी स्कूलों से करती हुई जनता को ये बताने की कोशिश कर रही है कि बीजेपी की सरकार आने पर स्कूल बेहाल हो जाएंगे या राजस्थान की तरह बंद करा दिए जाएंगे. बीजेपी को घेरने के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व सीएम केजरीवाल कहते हैं कि “यूपी में टूटे फूटे स्कूलों में नीचे टाट पर बैठकर बच्चों को पढ़ना पड़ता है. इन स्कूलों में शिक्षक महीनों गायब रहते हैं और पूरी सैलरी उठाते हैं.” वहीं दिल्ली के स्कूलों का कायाकल्प करने का दावा करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि “इस बार जंगपुरा का चुनाव उन्हें वो छात्र-छात्राएं लड़वा रहे हैं जिन्होने पिछले 10 सालों में सरकारी स्कूलों में हुए बदलाव को देखा है.” सिसोदिया के मुताबिक वो दिल्ली के हर स्कूल में जा चुके हैं और हालात से रुबरू हो चुके हैं. इन स्कूलों को बदलने का सफर जारी है. उनका कहना है कि स्कूलों में आमूलचूल परिवर्तन का ही असर है कि स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं उनके साथ खड़े हैं और जंगीपुरा में उन्हें चुनाव लड़वा रहे हैं.

दिल्ली के कई इलाकों में छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दूसरे प्रदेश से आते हैं. इसके लिए वो कई साल तक दिल्ली में रहते हैं और यहां के वोटर भी हो जाते हैं. लक्ष्मी नगर, मॉडल टाउन, तिमारपुर, राजेंद्र नगर इलाके में ऐसे हजारों छात्र रहते हैं. लेकिन ये छात्र फ्री बिजली और फ्री पानी की सुविधा से वंचित रह जाते हैं. मकान मालिक इन फ्री की सेवा से इन छात्रों को वंचित रखते हैं, लेकिन केजरीवाल ने वादा किया है कि अब किराएदार को भी फ्री बिजली और फ्री पानी का लाभ मिल सकेगा, जिससे इन छात्रों को काफी राहत मिलने वाली है.

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