
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी को एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट फटकार लगाती हुई दिखाई दी है। केंद्र सरकार द्वारा पोषित स्वास्थ्य योजना के जरिए वित्तीय मदद मंजूर नहीं करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस कदम की आलोचना की है। उन्होने इस फैसले को अजीब बताया है। उन्होंने सरकार से ये सवाल भी पूछा है कि आखिर वो क्यों सहायता लेने से मना कर रहे हैं।
चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने आप सरकार के इस फैसले से नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि आज आप नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये लेने से मना कर रहे हैं। मैं इसको लेकर काफी हैरान हूं। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने इस मामले में अपनी राय रखते हुए कहा कि ये बेहद ही अजीब बात है कि दिल्ली सरकार केंद्र सराकर की तरफ से मिल रही सहायता को नहीं स्वीकार रही है, जबकि दिल्ली के पास इस वक्त अपनी स्वास्थय सेवा प्रणाली के लिए कोई पैसे भी नहीं है। आपकी इस मामले में राय बिल्कुल अलग हो सकती है, लेकिन आप इस तरह की सहायता को लेने से इनकार कर रहे हैं।
इतना ही नहीं न्यायाधीश मनमोहन ने कहा कि मैं कोर्ट में खुलेआम कह रहा हू कि आप दिवालिया हो चुके हैं। इसके अलावा आपके स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव की भी एक-दूसरे से नहीं बन रही है। इस तरह की गड़बड़ी के बीच भी आप केंद्र की तरफ से सहायता नहीं ले रहे हैं।
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