
दिल्ली की सर्दी इस बार सिर्फ़ ठिठुरन नहीं, सांसों पर भी भारी पड़ रही है। नवंबर की ठंडी सुबहें अब धुंध और ज़हरीली हवा का पर्याय बन चुकी हैं। सोमवार को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) फिर से 400 के पार पहुंच गया, जिससे यह ‘गंभीर श्रेणी’ में बना हुआ है। बढ़ते प्रदूषण के बीच सरकार GRAP-3 लागू करने पर विचार कर रही है, जबकि लोगों से कारपूलिंग और वर्क फ्रॉम होम अपनाने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार की सुबह वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब रही। आनंद विहार, बवाना, चांदनी चौक और जहांगीर पुरी जैसे इलाकों में AQI 370 से 412 के बीच दर्ज किया गया।
| क्षेत्र | AQI स्तर |
| बवाना | 412 |
| जहांगीर पुरी | 394 |
| बुराड़ी क्रॉसिंग | 389 |
| नेहरू नगर | 386 |
| चांदनी चौक | 365 |
| आनंद विहार | 379 |
| अशोक विहार | 373 |
हालात इतने गंभीर हैं कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (CAQM) ने GRAP-3 जैसी सख्त पाबंदियां लागू करने की चेतावनी दी है, अगर वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो अगले कुछ दिनों में यह चरण लागू किया जा सकता है।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नागरिकों से अपील की है कि वे जितना संभव हो सके, कारपूलिंग का इस्तेमाल करें और निजी संस्थान वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मोड अपनाएं। सरकार ने कहा कि यह स्थिति केवल प्रशासनिक कार्रवाई से नहीं, बल्कि नागरिक सहयोग से सुधर सकती है।
रविवार को इंडिया गेट पर सैकड़ों नागरिकों ने एकत्र होकर वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने राजधानी में हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग की और कहा कि लगातार बिगड़ती हवा बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रही है। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली और केंद्र सरकार से तत्काल उपायों की मांग की है।
अगर वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो GRAP-3 लागू होने पर दिल्ली-NCR में ये प्रतिबंध लागू हो सकते हैं—
राजधानी के कई प्राइवेट स्कूलों ने आउटडोर गतिविधियां बंद कर दी हैं। प्रार्थना सभाओं और खेल कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। कुछ स्कूलों में एयर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं, जबकि माता-पिता और आरडब्ल्यूए एसोसिएशनों ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन क्लासेज लागू करने की मांग उठाई है।
मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में तत्काल सुधार की संभावना नहीं है। यदि स्थिति बिगड़ी, तो सरकार GRAP-3 के तहत सख्त पाबंदियां लागू कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी के साथ-साथ हवा की गति घटने से आने वाले हफ्तों में प्रदूषण और बढ़ सकता है।
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