
Delhi Old Age Pension: दिल्ली सरकार वृद्धावस्था पेंशन योजना में पारदर्शिता लाने के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। अब पेंशन पाने वाले सभी लोगों को हर साल अनिवार्य रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा। सरकार को पेंशन वितरण में अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं जिसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
जल्द ही दिल्ली में वृद्धावस्था, महिला, विधवा और विकलांग पेंशन योजना से जुड़े लाभार्थियों के लिए घर-घर सर्वे शुरू किया जाएगा। इस सर्वे के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि पेंशन पाने वाले वाकई जरूरतमंद हैं या नहीं। खासतौर पर बंगलों और महंगी कॉलोनियों में रहने वाले अपात्र लोगों को पेंशन सूची से बाहर किया जाएगा।
दिल्ली सरकार हर महीने केंद्र सरकार के सहयोग से चार लाख से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन देती है। यह पेंशन बुजुर्गों की आजीविका का एक अहम सहारा मानी जाती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि इस योजना का लाभ कई ऐसे लोग भी उठा रहे हैं, जो इसके पात्र नहीं हैं।
यह भी पढ़ें: 'आपने खतरा देखा, चिंता न करें...', पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से मिले राहुल गांधी
पिछले कई वर्षों से यह देखा गया है कि बंगलों और महंगी कॉलोनियों में रहने वाले कई संपन्न लोग भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं। कई बार इन मामलों की जांच हुई, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में अपात्र लोग पेंशन ले रहे हैं। इससे न सिर्फ योजना की साख पर सवाल उठे हैं, बल्कि उन जरूरतमंद बुजुर्गों के अधिकार भी मारे गए हैं, जो इस सुविधा के असली हकदार हैं।
दिल्ली में सरकार बदलने के कुछ ही महीनों के भीतर नई बीजेपी सरकार ने इस मुद्दे पर सख्ती के संकेत दिए हैं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि जो योजनाएं गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनाई गई हैं, उनका लाभ अमीर लोग नहीं ले सकते। अब व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और अपात्र लोगों को पेंशन सूची से बाहर करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
दिल्ली की राजनीति, मेट्रो-ट्रैफिक अपडेट्स, प्रदूषण स्तर, प्रशासनिक फैसले और नागरिक सुविधाओं से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी पाएं। राजधानी की रियल-टाइम रिपोर्टिंग के लिए Delhi News in Hindi सेक्शन देखें — सटीक और तेज़ समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।