
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में 12 साल से फरार हत्या के आरोपी जमशेद अली खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जमशेद ने अपनी पहचान छुपाने के लिए तांत्रिक का वेश धारण कर लिया था।
6 जनवरी 2009 को एनएच-24 मयूर विहार रेड लाइट के पास 30 वर्षीय संतोष यादव का शव मिला था। उसके हाथ-पैर कपड़ों से बंधे हुए थे। संतोष यादव आईसीडी तुगलकाबाद में एक प्राइवेट कंपनी के ड्राइवर था।
जांच में खुलासा हुआ कि जमशेद अली खान ने अपने साथियों के साथ मिलकर संतोष यादव के प्लास्टिक दाना से भरे कंटेनर को लूटने के लिए उसकी हत्या की थी। जांच के दौरान पांच लोगों - केसर अली, वाजिद अली, असीम अली और मोहम्मद शकील - को मास्टरमाइंड जमशेद अली खान के साथ गिरफ्तार किया गया, जिसने संतोष यादव के 'प्लास्टिक दाना' से भरे कंटेनर को लूट लिया और उसके ट्रक में लिफ्ट लेने के बाद उसकी हत्या कर दी। मुकदमे के दौरान जमशेद खान को 2012 में जमानत मिल गई और वह फरार हो गया। डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्हें पता चला कि खान बदायूं में छिपा हुआ है।
जमानत मिलने के बाद 2012 में जमशेद फरार हो गया था। वह अपने परिवार को छोड़कर बदायूं के सेहसवान इलाके में तांत्रिक के रूप में रह रहा था। पुलिस को जानकारी मिली कि वह भवानीपुर खेरू गांव में मौजूद है। पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी (अपराध) संजय सैन ने बताया कि जमशेद पहले भी चोरी के एक मामले में शामिल था। फरार होने के बाद उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए तांत्रिक का वेश धारण किया और अलग-थलग रहकर काम करने लगा।
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