दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्रियों शीला दीक्षित और साहिब सिंह वर्मा के बेटों से होगा। केजरीवाल ने इस सीट से चुनाव लड़ने की पुष्टि की है .
नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार राजनीतिक गरमी का केंद्र बन चुकी है। दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा से पहले ही यह सीट चर्चा का विषय बन गई है। इस सीट पर एक ओर जहां आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपनी पकड़ मजबूत बनाई हुई है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के रूप में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने हाल ही में यह ऐलान किया कि उन्हें नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर संदीप दीक्षित को उम्मीदवार के तौर पर नामित किया है, जो तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित के बेटे हैं।
इससे पहले, केजरीवाल ने अफवाहों को नकारते हुए कहा कि वह नई दिल्ली सीट से ही चुनाव लड़ेंगे और किसी अन्य सीट पर नहीं जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चुनावी मुकाबला अब (पूर्व) मुख्यमंत्रियों के बेटों और एक "आम आदमी" के बीच होगा।
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के लिए यह सीट खास रही है। 2013 में उन्होंने शीला दीक्षित को 25,000 से अधिक मतों से हराया था, और 2015 में उनका जीत का अंतर बढ़कर 31,000 हो गया। हालांकि, 2020 में उनका जीत का अंतर घटकर 2,000 वोट रह गया, फिर भी केजरीवाल का दावा है कि उनका मुकाबला हमेशा आम आदमी और पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे के बीच ही होता है।
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