
चंडीगढ़ के सेक्टर 11 का माहौल उस वक्त सन्नाटे में बदल गया जब खबर आई कि मकान नंबर 116 में रहने वाले एडीजीपी रैंक के आईपीएस वाई पूरन कुमार ने खुदकुशी कर ली है। 2001 बैच के अधिकारी कुमार ने अपने सरकारी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर जीवन समाप्त कर लिया। गोली लगते ही उनकी मौके पर मौत हो गई। घटना के समय उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो एक आईएएस अधिकारी हैं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं। यह खबर न केवल प्रशासनिक गलियारों में बल्कि पूरे राज्य में हलचल मचाने वाली रही।
वाई पूरन कुमार का प्रशासनिक सफर अक्सर विवादों से घिरा रहा। प्रमोशन, उत्पीड़न, सरकारी संसाधनों के वाटप और नीतियों पर सवाल — वे कई बार व्यवस्था से सीधे टकराते रहे।
IPS प्रमोशन का मामला: पिछले साल हरियाणा में 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के आई.पी.एस. अफसरों को प्रमोशन मिला था। पूरन कुमार ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए सीएम नायब सैनी को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि वित्त विभाग ने गृह विभाग के नियमों को अनदेखा कर केवल अपनी सहमति से यह प्रमोशन किए। वे चाहते थे कि उनका खुद का प्रमोशन और वेतन संशोधित किया जाए।
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पूरन कुमार ने अंबाला एसपी को शिकायत देकर हरियाणा के पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज होने की मांग भी की थी। मामला 3 अगस्त 2020 का बताया गया जब वे शहजादपुर थाने में बने मंदिर में गए थे। इस पर 17 अगस्त 2020 को उन्हें डीजीपी से पत्र मिला जिसमें पूछा गया कि मंदिर बनाने से पहले अनुमति ली गई थी या नहीं। पूरन कुमार का आरोप था कि इस मुद्दे पर उन्हें अनुचित ढंग से प्रताड़ित किया गया।
पूरन कुमार कई बार सरकारी संसाधनों के आवंटन पर भी आवाज उठाते रहे। उन्होंने एक बार पुरानी होंडा सिटी कार मिलने पर सरकारी वाहन लेने से मना कर दिया था जबकि कई अन्य अफसरों के पास नई इनोवा क्रिस्टा कारें थीं। इसके अलावा, उन्होंने विभाग में कुछ अधिकारियों द्वारा एक से अधिक सरकारी मकानों पर कब्जा रखने की शिकायत करते हुए “एक अधिकारी — एक आवास” नीति लागू करने की सिफारिश की थी।
महज आठ दिन पहले ही वाई पूरन कुमार का तबादला रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में हुआ था। उन्होंने वहां ज्वाइन करने से पहले सात दिन की छुट्टी ली और इसी अवकाश अवधि में यह कदम उठा लिया। उनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या यह लंबे समय से चली आ रही प्रणाली से असंतोष का चरम था या व्यक्तिगत मानसिक दबाव की परिणति? जांच से ही तथ्य सामने आएंगे, लेकिन यह घटना प्रशासनिक तंत्र में गहरे असंतोष की झलक जरूर देती है।
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Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। स्पंदन (मध्य प्रदेश) 9630899002, 7389366696, संजीवनी: 0761-2626622, TeleMANAS 1-8008914416/14416, जीवन आधार: 1800-233-1250. मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।
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