कोरोना के खौफ से बच्चे ने तीन साल से सूरज नहीं देखा, मां ने अपने साथ घर में कर रखा था ‘कैद’

कोरोना का ऐसा खौफ आपने अब तक नहीं सुना होगा। कोरोना के खौफ की वजह से एक मॉं अपने बच्चे समेत खुद को घर में तीन साल तक ‘कैद’ रखा। खौफ का स्तर इतना ज्यादा था कि बच्चे ने तीन साल तक सूरज नहीं देखा।

Rajkumar Upadhyay | Published : Feb 22, 2023 3:32 PM IST / Updated: Feb 23 2023, 09:51 AM IST

गुरुग्राम। कोरोना का ऐसा खौफ आपने अब तक नहीं सुना होगा। कोरोना के खौफ की वजह से एक मॉं अपने बच्चे समेत खुद को घर में तीन साल तक ‘कैद’ रखा। खौफ का स्तर इतना ज्यादा था कि बच्चे ने तीन साल तक सूरज नहीं देखा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पति ही दोनों के लिए घर पर खाने की व्यवस्था करता था। पर महिला ने अपने पति को भी घर में एंट्री नहीं दी। पति की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मॉं-बेटे को घर से बाहर​ निकाला।

पति को भी घर में घुसने नहीं दिया, लिया किराए का मकान

पेशे से इंजीनियर महिला का नाम मुनमुन माझी (33 वर्षीय) है। वाकया मारुति विहार इलाके का है। वर्ष 2020 में मोदी सरकार ने पहले लॉकडाउन का ऐलान किया था। उसके बाद सरकार की तरफ से कोरोना महामारी के लिए लागू प्रतिबंधों में ढील दी गयी थी। उसी समय महिला का पति काम करने बाहर गया हुआ था। पर जब वह घर लौटा तो महिला ने अपने पति को ही घर में घुसने नहीं दिया। महिला अपने 11 साल के बेटे के साथ खुद को घर में कैद कर लिया था। नतीजतन, पति उसी इलाके में किराए पर एक मकान लेकर रहने लगा। पति जरुरत का सामान महिला को उपलब्ध कराता रहा।

पत्नी का दिमागी संतुलन बिगड़ गया

महिला के पति का कहना है कि उसका दिमागी संतुलन इस कदर बिगड़ गया था कि उसने कई बार अपनी पत्नी को समझाने की बहुत कोशिश की, पर वह उसकी बात नहीं समझ रही थी और उसका घर में प्रवेश बंद कर दिया। पति ने शिकायत की तो पुलिस ओर स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पहुंची और महिला और बच्चे को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया। मनोचिकित्सक से उनका इलाज कराया जा रहा है।

पीजीआई रोहतक रेफर

सीएमओ डॉ. वीरेंद्र यादव के मुताबिक महिला और बच्चे की अस्पताल में जांच की गयी। जिसमें महसूस किया गया कि बच्चे को एक्सपर्ट की निगरानी में इलाज की आवश्यकता है। इसलिए बच्चे को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है। महिला का इलाज सदर अस्पताल में ही चल रहा है। दोनों की हालत ऐसी नहीं है कि वह किसी के सवालों का जवाब दे सके। महिला जिस घर में रह रही थी। उस घर में इतनी गंदगी इकट्ठा हो गयी थी कि कुछ दिन बाद अनहोनी हो सकती थी। आलम यह है कि 11 वर्षीय बेटे ने तीन साल से सूरज नहीं देखा था।

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