तीन निर्दलीय सांसदों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद से हरियाणा में भाजपा की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच भाजपा नेता और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि कई विधायक संपर्क में हैं।
नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को कहा कि नायब सिंह सैनी की सरकार से तीन विधायकों के समर्थन वापस लेने से कई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसका असर राज्य में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव पर नहीं होगा। कई विधायक उनकी सरकार के संपर्क में हैं।
दरअसल, तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाले हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद से नायब सिंह सैनी की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। ऐसा होने पर सैनी की सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
इस संबंध में खट्टर ने कहा, "इसका असर चल रहे चुनाव पर नहीं होगा। हमारे संपर्क में भी कई विधायक हैं। कई नेता हमारे समर्थन में हैं, वे अपने नेता को सुरक्षित रखेंगे। जल्द ही पता चल जाएगा कि कितने विधायक हमारे संपर्क में हैं।"
इन तीन निर्दलीय विधायकों ने लिया है समर्थन वापस
हरियाणा सरकार से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने समर्थन वापस लिया है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर करनाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया है कि हरियाणा की सभी 10 सीटों पर भाजपा को जीत मिलेगी।
खट्टर ने कहा, "सैकड़ों लोग यहां समर्थन करने आए हैं। इस क्षेत्र में भाजपा पिछले तीन चुनाव से जीत रही है। इस बार पिछली बार से अधिक वोटों से हम जीतेंगे। हम हरियाणा की सभी 10 सीटें जीतेंगे।"
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हरियाणा में 90 है बहुमत का आंकड़ा
हरियाणा विधानसभा के सीटों की संख्या 90 है। वर्तमान में विधायकों की संख्या 88 है। इसका मतलब है कि बहुमत के लिए कम से कम 45 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा के विधायकों की संख्या 40 है। अक्टूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 30 और जननायक जनता पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली थी। 6 निर्दलीय को चुनाव में जीत मिली थी। तीन निर्दलीय के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा है। यह बहुमत से दो कम है।
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