नूंह हिंसा मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने लगभग 2,000 वीडियो को स्कैन करना शुरू कर दिया है, जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हो रहे हैं।
गुड़गांव. 31 जुलाई को नूंह में हिंदुओं की धार्मिक यात्रा पर हुए पथराव के बाद भड़की हिंसा मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने लगभग 2,000 वीडियो को स्कैन करना शुरू कर दिया है, जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहे हैं। आशंका है कि इन्होंने दंगे भड़काने में अहम भूमिका निभाई।
नूंह दंगा: सोशल मीडिया अकाउंट्स और CCTV फुटेज की जांच, पढ़िए 10 पॉइंट्स
1. पुलिस दंगे में शामिल उपद्रवियों की पहचान करने के लिए उन जगहों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच कर रही है, जहां हिंसा हुई थी।
2. SIT की टीम पुलिस अस्पतालों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और जंक्शनों के आसपास के कैमरों से फुटेज प्राप्त कर रही है।
3. राज्य के पुलिस प्रमुख पीके अग्रवाल ने मीडिया से कहा है कि अब तक दर्ज की गई 93 FIR से संबंधित जांच के लिए कई एसआईटी का गठन किया गया है। इनमं से एक विशेष रूप से सोशल मीडिया पोस्ट पर ध्यान देगी, जो तनाव पैदा कर सकती हैं।
4.एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया-“विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से लगभग 2,000 वीडियो पहले ही डाउनलोड किए जा चुके हैं, जिनमें व्हाट्सएप पर चल रहे वीडियो भी शामिल हैं। SIT टीमों का नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।”
5. इससे पहले नूंह पुलिस प्रमुख वरुण सिंगला(जिनका अब ट्रांसफर हो चुका है) ने कहा था कि कथित तौर पर हिंसा भड़काने वाले वीडियो पोस्ट करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
6. पुलिस के मुताबिक, साइबर सेल उस पर नज़र रख रहा है। उपद्रवियों की पहचान करने की जरूरत है, इसलिए, हम सीसीटीवी कैमरों से सोशल मीडिया वीडियो और क्लिप स्कैन कर रहे हैं।
7.पुलिस ने उम्मीद जताई कि सोशल मीडिया वीडियो से हिंसा से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे। पुलिस ने कहा कि यही वीडियोज उसे कई उपद्रवियों तक ले जाएंगे।
8. इन वीडियो क्लिपों को स्कैन करने के लिए पुलिस के पास विशेषज्ञ हैं। एक अधिकारी ने कहा कि दंगे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। कई पोस्ट और वीडियो यूजर्स पहले ही हटा चुके हैं।
9.हिंसा के बाद से 4 जिलों-नूंह, पलवल, फरीदाबाद और गुरुग्राम में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण है। इन जिलों में पैरामिलिट्री फोर्सेज की 20 कंपनियां तैनात हैं। राज्य के 9 जिलों में धारा 144 लागू है।
10.हिंसा के मामले में 93 FIR दर्ज की गई हैं।186 लोगों को गिरफ्तार, जबकि 78 को हिरासत में लिया है। नूंह हिंसा की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की 8 और 3 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें गठित की गई हैं।
यह भी पढ़ें
कौन हैं रोहिंग्या मुसलमान, जिन पर लगा है नूंह दंगे भड़काने का इल्जाम?