हरियाणा में अब जिन बुजुर्गों को महाकुंभ जाना है। उनका सारा खर्चा सरकार उठाने वाली है। जानिए इसको लेकर सरकार ने उठाया है कौन सा बड़ा कदम।
हरियाणा। 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। इसका हिस्सा बनने के लिए देश-विदेश से भी लोग आ रहे हैं। अब हरियाणा सरकार ने राज्य के बुजुर्गों को एक तोहफा देते हुए महाकुंभ के दर्शन फ्री में करवानी का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी खुद नायब सिंह सैनी लोगों के बीच रखते हुए नजर आए हैं। सीएम सैनी ने एक्स हैंडल पर कहा कि चंडीगढ़ में प्रदेश के प्रशासनिक सचिवों के साथ नॉन-स्टॉप सरकार के 100 दिनों में हुए कामकाज की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत अब प्रदेश के गरीब परिवार के बुजुर्ग परिवार वाोलं को सरकारी खर्चे पर प्रयागराज में मौजूद महाकुंभ तीर्थ के दर्शन करवाए जाएंगे।
इसके अलावा नयाब सिंह सैनी आगे अपने एक्स पोस्ट में लिखा,' सभी अधिकारी CM अनाउंसमेंट पोर्टल को निरंतर अपडेट करना सुनिश्चित करें और अपने-अपने विभागों में 'सिटिज़न चार्टर' पर विशेष फोकस करते हुए इसे गंभीरता से लागू करें। टीम हरियाणा द्वारा जन संवाद के माध्यम से आये सभी कार्यों को अधिकारी गंभीरता से लेकर उनका समाधान करें। प्रशासनिक सचिव अपने-अपने अधीन विभागों में औचक निरीक्षण करें ताकि जनहित के कार्यों में किसी प्रकार का कोई विलम्ब न हो। सभी अधिकारी संकल्प पत्र अनुसार अपने सम्बंधित विभाग में जनहित की योजनाओं की रचना करते हुए जल्द से जल्द इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। आमजन की शिकायतों का निस्तारण पारदर्शिता व तत्परता से करें, देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी।'
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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को खेल-आधारित शिक्षा और पोषण केंद्र में विकसित किया जा चुका है। अब प्रदेश में 10,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को अगले पांच वर्षों में सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करके स्टंटिंग-मुक्त होने वाला हरियाणा पहला राज्य बने।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने पोषण बढ़ाने के लिए बाजरे से बने उत्पादों के अधिकतम उपयोग की बात कही है। प्रदेश की नॉन-स्टॉप सरकार का लक्ष्य पोषण अभियान में देश के शीर्ष तीन राज्यों में स्थान बनाना है। मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ₹200 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, मौजूदा 355 सांस्कृतिक केन्द्रों को महिला चौपाल के रूप में पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव है।
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