Odisha Train Accident: मैंने ट्रेन से बाहर देखा तो लोग मरे-कटे पड़े थे, लाशों का ढेर लगा था, पढ़िए पैसेंजर की जुबानी

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस हादसे में करीब 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 700 से ज्यादा यात्री गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।

 

ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। न्यूज एजेंसी की मुताबिक, अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हो गई है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि जो सैंकड़ों यात्री घायल हुए हुए हैं, उनमें कई की हालत सीरियस बनी हुई है। करीब 700 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस से मालगाड़ी टकराने के बाद मंजर इतना भयानक था कि कई बोगियां पुर्जा-पुर्जा हो गईं। जिन पैसेंजर ने यह भयावह मंजर अपनी आंखों से देखा है, उनका कलेजा कांप गया। आइए पढ़ते हैं उन्हीं चश्मदीद यात्रियों की जुबानी, हादसे की पूरी काहनी...

ओडिशा हादसे के दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस के पैसेंजर ने सुनाया आंखों देखा हाल

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कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर करने वाले एक पैसेंजर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि मैंने अपने पूरे जीवन काल में ऐसा भयानक हादसा नहीं देखा। जिस वक्त यह एक्सीडें हुआ, उस दौरान में S5 में सवार था और गहरी नींद में सोया हुआ था। लेकिन जैसे ही झटका लगा तो आंख खुल गई। तो हर तरफ चीख-पुकार थी, समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है। जब बाहर झांका तो पता चला कि ट्रेन पलट गई है। मैं ऊपर वाली सीट पर था, इसलिए बच गया, कुछ देर तो मैं वहीं पंखा पकड़कर बैठा रहा। लेकिन जब लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे तो मैं भी भागने लगा। तभी देखा लोग कचरे की तरह मरे हुए पड़े थे, किसी का हाट गायब था तो किसी के पैर नहीं थे। कई दृश्य तो इतने भयावह थे कि देखा भी नहीं गया। मेरी सीट के नीचे एक दो साल का बच्चा था। वह भगवान के चमत्कार से बच गया।

ओडिशा हादसे के दौरन रिजर्व बोबी बन चुकी थी जनरल

वहीं दूसरे यात्री ने बताया कि मैं भी रिजर्व बोगी में सवार था, लेकिन मेरे कोच में इतनी भीड़ थी कि वह जनरल बोगी जैसी हो गई थी। हालांकि यात्रा के दौरान मेरी नींद लग चुकी थी। जैसे ही ट्रेन ओडिशा के बालासोर के पास पहुंची तो गाड़ी पलट गई। झटके से मेरी नींद खुल गई, आंख खुली तो 10 से 12 मेरे ऊपर पड़े थे। जिसमें से कई की जान जा चुकी थी। इस दौरान मुझे भी सिर में चोट आई हुई है। वहीं मेरी बोगी में जितने भी लोग सवार थे, उसमें से कई मर चुके थे तो किसी के हाथ गायब था तो किसी का पैर कट चुका था। जैसे ही ट्रेन रुकी तो मैं बाहर निकला और लोगों की मदद से और भी कई यात्रियों को बाहर निकाला।

कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस टकराते ही कई कोच हो गए तबाह

बता दें कि यह ट्रेन एक्सीडेंट ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम 7 बजे हुआ है। जहां कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन एक दूसरे से टकराकर बालासोर में बहानागा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। वहीं मालगाड़ी से दोनों ट्रेनों की टक्कर हो गई। हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के कई कोच तबाह हो गए। वहीं हादसे वाली स्टेशन के चार ट्रैक हवा में पत्तों की तरह उड़ गए। एक इंजन तो मालगाड़ी के रैक पर ही चढ़ गया। ट्रेन के खिड़कियों के कांच टूट गए। बता दें कि इस हादसे में अब तक 261 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हैं। अब मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

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